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केंद्र ने कहा, गरीबों के टीकाकरण में इलेक्ट्रॉनिक वाउचर करेंगे मदद

केंद्र ने संशोधित दिशा-निर्देशों में मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे कि लोग निजी केंद्रों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कोविड रोधी टीकाकरण के लिए वित्तीय मदद प्रदान कर सकें.

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Published : Jun 8, 2021, 6:24 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया कि ‘को-विन’ मंच जहां प्रत्येक व्यक्ति को सुविधाजनक रूप से पहले से ही कराई गई बुकिंग के आधार पर टीकाकरण की सुविधा प्रदान करता है.

वहीं सभी सरकारी और निजी टीकाकरण केंद्र भी व्यक्तियों के साथ-साथ व्यक्तियों के समूहों-दोनों के लिए टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण सुविधा प्रदान करेंगे. जिसके लिए विस्तृत प्रक्रिया को राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा और प्रकाशित किया जाएगा.

आगामी 21 जून से प्रभाव में आने जा रहे दिशा-निर्देशों के अनुरूप केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाने वाली टीका खुराकों का आवंटन आबादी, बीमारी के प्रसार के स्तर और टीकारण की प्रगति जैसे मानदंडों के आधार पर किया जाएगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा कि टीके की बर्बादी से आवंटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को की गई घोषणा के अनुरूप भारत सरकार देश में स्थित विनिर्माताओं से कोविड रोधी टीकों की 75 प्रतिशत खरीद करेगी.

संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया कि खरीदे गए टीके राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लगातार नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे जैसा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत के समय से हो रहा है.

ये खुराक राज्यों, द्रशासित प्रदेशों द्वारा सरकारी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से प्राथमिकता के अनुरूप सभी नागरिकों को नि:शुल्क लगाई जाएंगी. इनमें कहा गया कि 18 साल से अधिक आयु के नागरिकों के आबादी समूह के मामले में राज्य व केंद्रशासित प्रदेश टीका आपूर्ति कार्यक्रम में अपनी खुद की प्राथमिकता तय कर सकते हैं.

इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टीका विनिर्माताओं द्वारा उत्पादन और नए टीकों को प्रोत्साहित करने के वास्ते, घरेलू टीका विनिर्माताओं को सीधे निजी अस्पतालों को टीके उपलब्ध कराने का विकल्प भी दिया गया है जो उनके मासिक उत्पादन के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा.

संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया कि ‘लोक कल्याण’ की भावना को बढ़ावा देने के लिए गैर-हस्तांतरणीय इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा. जिसे निजी टीकाकरण केंद्रों पर भुनाया जा सकता है.

यह लोगों को निजी टीकाकरण केंद्रों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के टीकाकरण के लिए वित्तीय रूप से मदद करने में सक्षम बनाएगा. इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप, राज्य, केंद्रशासित प्रदेश बड़े और छोटे निजी अस्पतालों तथा क्षेत्रीय संतुलन के बीच टीकों के समान वितरण के मद्देनजर निजी अस्पतालों की मांग का संग्रह करेंगे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एकत्रित मांग के आधार पर, निजी अस्पतालों को केंद्र सरकार इन टीकों की आपूर्ति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के इलेक्ट्रॉनिक मंच के माध्यम से उनके भुगतान की सुविधा प्रदान करेगी. इससे छोटे और दूरदराज स्थित निजी अस्पताल टीकों की समय पर आपूर्ति तथा समान पहुंच और क्षेत्रीय संतुलन प्राप्त करने में सक्षम बनेंगे.

इसने कहा कि निजी अस्पतालों के लिए टीका खुराक की कीमत प्रत्येक टीका विनिर्माता द्वारा घोषित की जाएगी, और बाद में किए जाने वाले किसी भी बदलाव के बारे में पहले से ही सूचित कर दिया जाएगा.

संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी नागरिक नि:शुल्क टीकाकरण के हकदार हैं, चाहे उनकी आय कितनी भी हो, और जो लोग भुगतान करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें निजी अस्पतालों के टीकाकरण केंद्रों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

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इनमें कहा गया कि नागरिकों के लिए पूर्व बुकिंग सुविधा के वास्ते राज्य सामान्य सेवा केंद्रों और कॉल सेंटर का इष्टतम उपयोग कर सकते हैं. संशोधित कार्यक्रम में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय मदद, खरीद और साजो-सामान के लिए केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की बात कही गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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