लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने की तैयारी तेज कर दी गई है. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में दो से अधिक बच्चे वालों की सुविधाओं में कटौती की जाएगी. पंचायत से लेकर निकाय चुनाव लड़ने से रोक होगी. सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह कानून मानना चाहता है या फिर नहीं. अगर कोई व्यक्ति कानून मानता है तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. यदि नहीं मानता है तो इससे वंचित रहेगा.
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आयोग यह मसौदा राज्य सरकार को सौंपेगा. सरकार अध्ययन करके लागू करेगी.
दूसरे राज्यों के कानून का अध्ययन कर बनाया गया विधेयक
राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल कहते हैं कि आजादी के समय से ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने की जरूरत थी. हमने स्वतः संज्ञान लेकर इस कानून को बनाने के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाया जाना आवश्यक हो गया है. कई राज्य इस दिशा में कदम उठाए हैं. जनसंख्या पर रोक नहीं लगाया गया तो बेरोजगारी, भुखमरी समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जाएंगी. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असम, राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन किया गया है.