नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन विगत 63 दिनों से जारी है. कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 26 जनवरी के दिन किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड निकाली. हालांकि, भारत के राष्ट्रीय पर्व के दिन आयोजित इस ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भी हुई. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारी प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किसान संगठनों में शामिल सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया. कमिश्नर ने कहा कि दर्शन पाल सिंह ने भी तय रूट पर चलने से मना कर दिया.
एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि गाजीपुर में राकेश टिकैत ने भी किसानों को उकसाया. लाल किले में किसान संगठनों ने धार्मिक झंडे फहराए. उन्होंने कहा कि बूटा सिंह ने भी भड़काऊ भाषण दिए.
बिंदुवार पढ़ें दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का बयान
- पांच राउंड की बैठक हुई. किसान संगठनों को समझाया गया कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड न करें.
- फिर कुंडली मानेसर पलवल (केएमपी) हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च का सुझाव दिया गया.
- दिल्ली पुलिस ने सिक्योरिटी, ट्रैफिक मैनेजमेंट और मीडिया कवरेज में सहयोग का दिया भरोसा
- दिल्ली में ट्रैक्टर परेड पर अड़े रहे किसान संगठन
- पांच राउंड की बैठक में अंत में तीन रूट्स पर उनके साथ सहमति बनी
- ट्रैक्टर परेड के लिए दोपहर 12 बजे से पांच बजे का समय दिया गया था.
- 25 जनवरी की शाम यह समझ आया कि वे अपने वादे से मुकर रहे हैं.
- उग्र और मिलिटेंट एलिमेंट्स को आगे किया गया.
- उकसाने वाले भाषण दिए गए, जिससे मंशा स्पष्ट हो गई.
- दिल्ली पुलिस ने संयम से काम लिया.
- सुबह 6.30 बजे से ही वे बैरिकेट तोड़ने को तैयार हो गए
- 7.30 बजे सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने मार्च शुरू कर दिया.
- मुकरबा चौक पर एग्रीमेंट के मुताबिक दाहिने मुड़ना था, लेकिन उनके नेता वहीं बैठ गए.
- ट्रैक्टर मार्च की अगली पंक्ति में उनके नेता जरूर हों.
- 5000 से अधिक ट्रैक्टर नहीं होंगे.
- हथियार नहीं रखने होंगे. तलवार, भाला भी नहीं.
- इन नेताओं से अंडरटेकिंग ली गई.
तीन रूट तय किए गए थे.
- सिंघु सीमा पर बैठे किसानों के लिए (63 किमी)
- टीकरी पर बैठे किसानों के लिए अलग मार्ग (74 किमी)
- गाजीपुर पर बैठे किसानों के लिए अलग मार्ग 46 किमी
- 12 बजे से पांच बजे तक ही समय दिया गया था.