नई दिल्ली: इंडिया ब्लॉक के साझेदारों के बीच मतभेद और भी गहरे हो गए हैं क्योंकि कई पार्टियां मौजूदा राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और उसके दृष्टिकोण के खिलाफ खुलकर बोल रही हैं. समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) जैसी पार्टियों ने मौजूदा चुनाव में अन्य पार्टियों को दरकिनार करने की कांग्रेस की रणनीति की आलोचना की.
सपा प्रवक्ता अखिलेश कटियार ने ईटीवी भारत से कहा, 'जिस तरह से कांग्रेस मौजूदा विधानसभा चुनाव के करीब पहुंच रही है, वह इंडिया गठबंधन के लिए अच्छा नहीं है. कांग्रेस को उन सभी क्षेत्रीय दलों पर विचार करना चाहिए जो भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं. उन्हें (कांग्रेस को) सभी भारतीय गुट के सदस्यों से परामर्श करना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत तीन राज्यों में सरकार बनाई. जहां तक मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव का सवाल है तो पार्टी, कांग्रेस और उसके रवैये के खिलाफ काफी मुखर है. कटियार ने कहा कि 'अब स्थिति बदल गई है. इस स्थिति के लिए पूरी तरह से कांग्रेस जिम्मेदार है. सबसे बड़े साझेदार होने के नाते कांग्रेस को सभी दलों को साथ लेकर ईमानदारी से काम करना चाहिए. दुर्भाग्य से, कांग्रेस वह दृष्टिकोण नहीं दिखा रही है.
इसी विचार को दोहराते हुए जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मोदी विरोधी और भाजपा विरोधी ताकतों के अधिकतम समायोजन के साथ आमने-सामने की लड़ाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि 'हमारे नेता नीतीश कुमार ने पहले ही सीपीआई की रैली में कहा था कि पार्टियों को इंडिया गठबंधन के बारे में गंभीरता से सोचना शुरू कर देना चाहिए. बहुत ज़्यादा नहीं है. कांग्रेस को आगे आना चाहिए.' उन्होंने कहा कि अब यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह क्या करेगी. उन्होंने कहा कि 'मोदी विरोधी और भाजपा विरोधी ताकतों को अधिक से अधिक समायोजित करके आमने-सामने की लड़ाई होनी चाहिए. हम सभी को मोदी के खिलाफ लड़ना चाहिए.'
नीरज कुमार ने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने दीजिए. उन्होंने कहा कि 'यह पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है. इसे ख़त्म होने दो. और फिर देखें कि यह कैसे आगे बढ़ता है. अगर हमें 2024 का चुनाव जीतना है तो हमें बीजेपी को हराने के लक्ष्य के साथ एकजुट होकर काम करना होगा.'