लखनऊ: हिंदी में पत्राचार करने के चलते कानपुर में तैनात रहे सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) अध्यक्ष संजय अग्रवाल सहित बोर्ड के सभी सदस्यों को पत्र भेजकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा है कि हिंदी के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है. विभागीय हिंदी पत्रिका के लिए 5 लाख भी नहीं दिए गए.
वाहनों पर 200 करोड़ खर्च, हिंदी के लिए कुछ नहीं :हिंदी में पत्राचार करने की वजह से कानपुर से गुंटूर भेजे जाने के बाद सोमेश तिवारी ने मोर्चा खोल दिया है. तिवारी ने अपने पत्र में कहा कि सरकारी वाहनों के इस्तेमाल पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. सेंट्रल जीएसटी में कमिश्नर या इससे ऊपर के अधिकारी ही सरकारी वाहनों के लिए अधिकृत हैं. लेकिन, यहां सभी अधिकारी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल खुलेआम कर रहे हैं. इसकी वजह से विभाग को 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की पत्रिका के लिए 5 लाख भी अधिकारियों ने नहीं दिए. जबकि, विभाग के किसी भी अधिकारी को राजभाषा विभाग के निर्देशों के तहत हिंदी पत्रिका को रोकने का अधिकार नहीं है.