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पश्चिम बंगाल : इम्युनिटी संदेश का स्वाद लें और बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बंगाल की लोकप्रिय मिठाई संदेश को नया कलेवर दिया गया है. नई मिठाई का नाम है इम्युनिटी संदेश, जिसे 15 हर्बल सामग्रियों से तैयार किया गया है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने वाली इस स्वास्थ्यवर्धक मिठाई में किसी भी कृत्रिम तत्व का उपयोग नहीं किया गया है और शर्करा की बजाय शहत का इस्तेमाल किया गया है. बाजार में इस मिठाई की बहुत मांग है.

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Published : Jun 7, 2020, 5:14 PM IST

Sandesh made of 15 herbal ingredients
15 हर्बल सामग्रियों से बना संदेश.

कोलकाता : कोरोना का प्रकोप दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे है. वहीं पश्चिम बंगाल में कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिरक्षा मिठाइयां उपलब्ध हैं. ऐसी ही एक मिठाई है इम्युनिटी संदेश, जो इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) मजबूत करने में मदद करती है.

इम्युनिटी संदेश में हल्दी, शहद, तुलसी, इलायची सहित औषधीय गुणों वाली लगभग 15 सामग्रियां शामिल हैं. प्रसिद्ध मिष्ठान्न प्रतिष्ठान बालाराम मलिक और राधारमण मलिक ने ऐसी मिठाइयों को बढ़ावा दिया है.

प्रतिष्ठावन के सूत्रों के अनुसार यह संदेश 15 हर्बल सामग्रियों के साथ बनाया गया है. जिसमें तुलसी, हल्दी, छोटी इलायची, नद्यपान, जायफल, अदरक, काली मिर्च, ब्लैकबेरी, दालचीनी, लहसुन, जस्थी,नट्स, ड्राई फ्रूट्स व शहद शामिल हैं. मिठाई में चीनी का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

मिष्ठान्न प्रतिष्ठान के प्रमुख सुदीप मलिक ने कहा, 'फिलहाल इम्युनिटी बढ़ाना बहुत जरूरी है. यदि आप कोलकाता के लोगों की पसंदीदा मिठाई के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने की कोशिश करते हैं, तो क्या नुकसान है? इस मिठाई में किसी भी कृत्रिम तत्व का उपयोग नहीं किया गया है. यह बेहद स्वास्थ्यकर है. इसकी बाजार में बहुत मांग है.'

डॉक्टरों का भी कहना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फिलहाल तुलसी हल्दी, इलायची, दालचीनी, अदरक, लहसुन आदि का उपयोग लाभप्रद है.

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भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग ढाई लाख के करीब पहुंच गई है. संकट की इस घड़ी में सरकारी, गैर सरकारी विभाग चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. इस महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में खड़े कर्मचारियों का जीवन जोखिमों से भरा हुआ है. कोरोना संकट में कॉरपोरेट घराने, एनजीओ और निजी संगठन इन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए सुरक्षात्मक गियर प्रदान करने के लिए आगे आ रहे हैं. उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो, इसके लिए प्रयास जारी हैं. क्योंकि कोरोना को लड़ाई में सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है.

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