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सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन की छात्रों को सलाह - न छोड़ें परीक्षाएं

कोरोना संकट ने इंसानी जीवन के हर पक्ष को प्रभावित किया है. मानवीय जीवन के कुछ हिस्से ज्यादा प्रभावित और कुछ कम प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन सभी पक्षों पर इसका कुछ न कुछ असर जरूर पड़ा है. शिक्षा जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां इसका व्यापक असर देखा जा सकता है. इसी बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 जुलाई तक 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी करने का निर्णय लिया है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन और शिक्षाविद् अशोक गांगुली से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा...

Former Chairman of CBSE
सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली

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Published : Jun 26, 2020, 6:40 PM IST

हैदराबाद : कोरोना काल में परीक्षाओं को लेकर अनिश्चितता का दौर जारी है. इस दौरान छात्रों और अभिभावकों का मानना है कि यदि इस वर्ष होने वाली परीक्षाओं को छोड़ देते हैं तो अगले वर्ष बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है. हालांकि, शिक्षाविद् और सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली ने छात्रों से परीक्षाओं को न छोड़ने का आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने छात्रों को आगे बढ़ने की सलाह दी और यह भी सुझाव दिया है कि अभिभावकों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

अशोक गांगुली ने कहा कि कोरोना काल में बच्चे पूरी तरह से परीक्षाओं के लिए तैयार नहीं थे. मैंने इसके बारे में छात्रों से बात की है और उन्हें परीक्षाओं को न छोड़ने के लिए सुझाव दिया.

सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली से खास बातचीत

उन्होंने आगे कहा, 'मैंने छात्रों को स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें इन परीक्षाओं में अच्छे अंक नहीं मिल सकते हैं या उन्हें एक बेहतर करियर चुनने में कठिनाई हो सकती है. इसके अलावा विषयों के कॉम्बिनेशन मिलने में दिक्कतें आ सकती है.'

गांगुली ने कहा कि छात्रों को इस वर्ष आगे बढ़ना चाहिए और परीक्षाएं देनी चाहिए. बोर्ड के परिणामों को स्वीकार करें और यदि आवश्यक हो तो दोबारा इम्प्रूवमेंट पेपर दें, लेकिन परीक्षाओं को न छोड़ें और एक पूरे अकादमिक वर्ष को बर्बाद करना सहीं नहीं है.

उन्होंने कहा कि मैंने छात्रों के अभिभावकों को भी सुझाव दिया कि वह इस मामले को गंभीरता से लें और अपने बच्चों को समझने का प्रयास करें.

सीबीएसई की शेष परीक्षाएं रद्द, पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली से खास बातचीत

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई के मसौदे का अवलोकन करने के बाद शुक्रवार को शेष बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए छात्रों को अंक देने की उसकी योजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी. उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद सीबीएसई 15 जुलाई तक 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी करेगा.

सीबीएसई की मूल्यांकन योजना में विद्यार्थियों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के अंतिम तीन प्रश्नपत्रों में हासिल किए गए अंकों पर विचार किया जाएगा. अदालत के फैसले के बाद सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि अगर 12वीं कक्षा के विद्यार्थी वैकल्पिक परीक्षाओं में शामिल होते हैं तो प्राप्त किए गए अंक अंतिम स्कोर माने जाएंगे. उन्होंने कहा कि कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को प्राप्तांकों में सुधार के लिए वैकल्पिक परीक्षाओं में बैठने का अवसर मिलेगा.

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