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नितिन गडकरी ने दिया परिवहन नियम में छूट, कहा राज्य चाहे तो जुर्माना घटा दे

देश में नया परिवहन कानून आने के बाद रोज नई चालान की राशि को लेकर खबरें आ रही है. कई राज्यों ने अपने यहां इस कानून को लागू करने से भी इंकार कर दिया है. लेकिन आज केंद्रीय मंत्री ने गडकरी ने राहत की खबर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

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Published : Sep 11, 2019, 11:05 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 7:07 AM IST

नई दिल्लीः देश में यातायात नियमों का उल्लघंन को लेकर नया नियम जारी किया गया है. उसके बाद से ही लगातार ऐसी खबरें आने लगी की ट्रक का 1.41 लाख रुपए का चालान, 15 हजार की स्कूटी का 23 हजार का चालान, चालान कटने के बाद बाइक को आग लगा दी गई. ऐसी तमाम खबरों और विपक्ष का इस नियम पर हंगामें की खबरें नितिन गडकरी को रोजना सुनना पड़ रहा था. इसके बाद आज केंद्रीय मंत्री ने इस कानून पर ढील दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहे तो यातायात जुर्माने को घटा सकती है.

केंद्रीय परिवहन मंत्री का यह बयान उस समय आया जब गुजरात सरकार ने जुर्माने की राशि में कटौती का फैसला लिया था.

यातायात परिवहन पर जानकारी देते नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह नियम राजस्व एकत्रित करने की योजना नहीं है. क्या आप लोगों को 1,50,000 लोगों की मौतों की चिंता नहीं है. राज्य सरकार चाहे तो जुर्माने की राशि घटाना चाहती है तो घटा सकती है, लेकिन क्या यह बात सच नहीं है कि लोग न तो कानून मानते हैं न ही इससे डरते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने कानून में बदलाव सिर्फ भय के लिए किया है इससे नियमों का सम्मान हो सके. और यह राजस्व के लिए नहीं है यह लोगों की जान बचाने के लिए बनाया गया है. हम लोग दो फीसदी जीडीपी का नुकसान सड़क दुर्घटना के कारण कर रहे हैं.

कई राज्यों ने इस कानून का किया विरोध

नए परिवहन कानून को कई राज्यों ने अपने राज्य में लागू करने से इंकार कर दिया है. इन राज्यों में मध्यप्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल है. तो वहीं भाजपा शासित गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस कानून में लगाए गए जुर्मानें में कटौती के लिए कहा है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम अपने राज्य में इस कानून को लागू नहीं करेंगे. क्योंकि उन्होंने सरकारी अधिकारियों से बात की और उन्होंने राय दिया कि इससे आम लोगों पर बोझ बढ़ जाएगा.आगे उन्होंने कहा कि जुर्माने की रकम बढ़ाना समस्या का हल नहीं है. इसे 'मानवीय दृष्टिकोण' से देखने की जरूरत है.

Last Updated : Sep 30, 2019, 7:07 AM IST

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