नई दिल्ली : नवनिर्वाचित श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे आज से भारत दौरे पर आ रहे है. वह 30 नवंबर तक भारत में रहेंगे. उनके आने के खिलाफ मरलमाची द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एमडीएमके) के अध्यक्ष वाइको को और पार्टी के कार्यकताओं द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने एमडीएमके के अध्यक्ष वाइको और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है.
वाइको ने अपने बयान में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति गोतबाया ने देश के तमिल बहुल क्षेत्र उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में सैनिकों को सड़कों पर गश्त करने का आदेश दिया है.
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के तमिलों के कल्याण को सुनिश्चित करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि 80 मिलियन से ज्यादा तमिल भारत में रहते है. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर श्रीलंका यात्रा पर क्यों भेजा?
उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि भारत को श्रीलंका से घोखा नहीं मिलना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि गोटाबाया राजपक्षे भारत के साथ कभी भी मित्रता स्थापित नहीं करेंगे क्योंकि वे चीन और पाकिस्तान के समर्थन में हैं.
वाइको ने राजपक्षे के निमंत्रण की निंदा करते हुए कहा कि गोटाबाया कहते है कि उन्हें केवल सिंहली का वोट मिला है , तभी वह राष्ट्रपति बने. इसलिए उनके दिमाग में तमिल लोगों का कल्याण नहीं होगा