नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय मालदीव के दौरे पर जा रहे हैं. वे श्रीलंका का दौरा भी करेंगे.
मोदी ने कहा कि शनिवार से शुरू हो रही मालदीव और श्रीलंका की उनकी यात्रा से भारत द्वारा ‘पड़ोस पहले’ नीति को दिया जाने वाला महत्व प्रतिबिंबित होता है और इससे समुद्र से घिरे दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे.
मोदी लोकसभा चुनाव में जीतकर दोबारा सत्ता में आने के बाद अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के तहत सबसे पहले मालदीव जाएंगे. वह मालदीव से रविवार को श्रीलंका जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं इसको लेकर आश्वस्त हूं कि मालदीव और श्रीलंका की मेरी यात्रा से हमारी ‘पड़ोस पहले नीति’ और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं प्रगति की दृष्टि के अनुरूप हमारे समुद्री पड़ोसी देशों के साथ हमारे नजदीकी एवं सौहार्दपूर्ण संबंध और मजबूत होंगे.'
ऐसी जानकारी मिली है कि मालदीव मोदी को एक प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘आर्डर आफ निशानीज्जुदीन’ से सम्मानित करेगा.
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उन्होंने रवानगी से पहले जारी एक बयान में कहा कि श्रीलंका की उनकी यात्रा वहां 21 अप्रैल को हुए 'भीषण आतंकवादी हमलों' के मद्देनजर इस द्वीपीय देश की सरकार एवं वहां के लोगों के प्रति भारत की एकजुटता व्यक्त करने के लिए है.
मोदी ने कहा, 'भारत के लोग श्रीलंका के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने ईस्टर के दिन भीषण आतंकवादी हमले के मद्देनहर बड़ी पीड़ा और विनाश का सामना किया. हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में श्रीलंका का पूर्ण समर्थन करते हैं.'
ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में कई बम विस्फोट हुए थे जिसमें 250 से अधिक व्यक्ति मारे गए थे.
श्रीलंका में नृशंस हमलों के बाद मोदी श्रीलंका की यात्रा करने वाले किसी सरकार के पहले प्रमुख होंगे.
मोदी ने मालदीव की अपनी यात्रा के बारे में कहा कि भारत इस देश को एक मूल्यवान साझेदार मानता है जिसके साथ वह इतिहास और संस्कृति के गहरे संबंध साझा करता है.