हैदराबाद : कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इसके प्रसार पर लगाम लगाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए देश के कई संस्थान सस्ती कीमतों पर वेंटिलेटर का निर्माण कर रहे हैं. जानें कब-कब किस संस्थान ने दिया अपना सहयोग...
07.04.2020 :
भारतीय रेलवे की कोच निर्माण इकाई कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री ने कोविड-19 रोगियों के लिए कम लागत वाले वेंटिलेटर 'जीवन' का निर्माण किया है. इस वेंटिलेटर के माध्यम से कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है.
रेलवे ने बताया कि कंप्रेसर (Compressor) के बिना इसकी कीमत लगभग दस हजार रुपये होगी. यह वेंटिलेटर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.
वेंटिलेटर 'जीवन' के निर्माता रविंद्र गुप्ता ने कहा कि आईसीएमआर की मंजूरी मिलते ही रेलवे प्रतिदिन 100 वेंटिलेटर का निर्माण करने की क्षमता रखता है.
04.04.2020 :
गुजरात स्थित राजकोट की एक कंपनी ने कम लागत वाले वेंटिलेटर 'धमन-1' (Dhaman-1) का निर्माण किया है. अहमदाबाद में कोरोना के मरीजों पर इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है. इसकी कीमत एक लाख रुपए से भी कम है.
04.04.2020 :
हैदराबाद में भी इंजीनियरों की एक टीम ने कम लागत वाली वेंटिलेटर प्रणाली तैयार की है, जो कोरोना रोगियों के लिए काफी मददगार साबित होगी.
इसे विकसित करने वालों का कहना है कि यह मशीन नियमित वेंटिलेटर की कमी की स्थिति में किसी आपातकाल में मददगार हो सकती है. यह मशीन चार हजार रुपए में उपलब्ध होगी.
04.04.2020 :
आईआईटी (आईएसएम) की मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की रिवर्स इंजीनियरिंग प्रयोगशाला (Reverse Engineering Laboratory) की एक टीम ने वेंटिलेटर 'एडेप्टर' (Adapters) विकसित किया है.
इस वेंटिलेटर का उपयोग एक से अधिक मरीजों पर भी किया जा सकता है. इस मशीन को पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) को प्रदान किया गया है.
03.04.2020 :
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हैदराबाद ने भी कम लागत वाला पोर्टेबल और आपातकालीन उपयोग वाला वेंटिलेटर विकसित किया. यह कोरोना मरीजों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकता है. इसकी भी कीमत काफी कम है.
03.4.2020 :
ऋषिकेश स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने कम लागत वाला वेंटिलेटर विकसित किया. बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए 450 उद्योग प्रतिनिधियों के सामने इसका नमूना पेश किया गया.