वाराणसी : मोक्षदायिनी गंगा किनारे अर्धचंद्राकार घाटों की मनोहारी छवि निहारने काशी आने वाले दुनियाभर के लोगों के लिए अब खिरकिया घाट एक नया केंद्र होगा. वाराणसी के नक्शे में जुड़ रहा यह नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन जल, थल और नभ तीनों से जुड़ा होगा. घाट तक एयरपोर्ट और स्टेशन से भी पहुंचना बेहद आसान होगा. पर्यटकों की गाड़ियां भी घाट तक पहुंच जाएंगी.
35 करोड़ की लागत से बदलेगी सूरत
नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर अनिल यादव ने बताया कि करीब 11.5 एकड़ में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 35.83 करोड़ है, जो जुलाई 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट का डिजाइन, इंजीनियरिंग और डीपीआर बनाने वाली कंपनी प्लानर इंडिया ने बताया कि गाबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया जा रहा है. यानी देखने में पुराने घाटों की तरह होगा और बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा. खास बात यह है कि घाट का निर्माण इको फ्रेंडली है. घाट पर ही वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है, जो अन्य घाटों पर नहीं है.
एक जगह पर मिलेंगी पर्यटकों को सारी सुविधाएं
जनपद मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि अस्सी और दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक अधिक आते हैं, लेकिन सभी घाटों तक आसानी से गाड़ियां नहीं पहुंच पातीं, इसलिए खिरकिया घाट का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. यह पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं के साथ होगा. घाट पर सभी सुविधाएं एक साथ मिलेंगी, जिसके लिए पहले आप को कई जगह भटकना पड़ता था. पर्यटक यहां से काशी विश्वनाथ मंदिर का टिकट ले सकते हैं, वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकेंगे, लाइब्रेरी में किताबें पढ़ सकेंगे, सेहतमंद रहने के लिए सुबह मॉर्निंग वॉक कर सकेंगे साथ ही व्यायाम और योग भी कर सकेंगे.