हैदराबाद : नगा विद्रोह भारत में सबसे पुराना उग्रवादी अभियान है. नगाओं में कई सौ जनजातियां शामिल हैं, जो नगालैंड के नगा पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों से म्यांमार तक फैली हुई हैं.
नगाओं ने एक स्वायत्त नगा राज्य - ग्रेटर नगालिम के लिए 1946 से एक सशस्त्र अभियान छेड़ रखा है. ग्रेटर नगालिम में उन्होंने नगालैंड के अलावा अरुणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर के क्षेत्रों को समाहित करने की मांग रखी है.
आंदोलन की शुरुआत
1826 में असम के भारत में शामिल होने के बाद 1881 में नगा हिल ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना. इसके बाद 1918 में नगा क्लब स्थापित किया गया और इसकी राजनीतिक इकाई नगा नेशनल काउंसिल (NNC) भी स्थापित की गई.
14 अगस्त 1947 को अंगामी जापू फिजो (जिसे नागाओं का पिता कहा जाता है) के नेतृत्व में एनएनसी ने नगालैंड को स्वतंत्र राज्य घोषित कर दिया.
इसके बाद राज्य में संप्रभु नगालैंड के लिए एक अवैध जनमत संग्रह हुआ, जिसे फिजो का समर्थन हासिल था. फिजो ने 1952 में नगा फेडरल सरकार (NFG) और नगा फेडरल आर्मी (NFA) का गठन किया, जिसने भारत सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया.
1958 में यह संघर्ष हिंसक हो गया और राज्य में आर्म फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया गया.
एनएनसी ने 1975 में भारत सरकार के साथ शिलांग पीस एकोर्ड ( शांति समझौता) पर हस्ताक्षर किए, जिसने हिंसा को अस्थायी रूप से समाप्त कर दिया. इसके बाद एनएनसी कई हिस्सों में बंट गया और इन टूटते गुटों ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN) का गठन किया, जिसने शिलांग समझौते को मान्यता देने से इनकार कर दिया और संघर्ष जारी रखा.
एनएससीएन (आईएम) की मांग
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड एक 'ग्रेटर नगालिम' की मांग करता आया है. ग्रेटर नगालिम में नगालैंड के साथ-साथ वह सभी क्षेत्र हैं, जिसमें नगा बसे हुए हैं. इनमें असम के कुछ जिले, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं. ये क्षेत्र म्यांमार के रास्ते में पड़ते हैं.
ग्रेटर नगालिम का मैप 1,20,000 वर्ग किलोमीटर का है, जबकि नगालैंड का मैप 16,527 वर्ग किलोमीटर का है.
कम से कम पांच बार- दिसंबर 1964, अगस्त 1970, सितंबर 1994, दिसंबर 2003 और 27 जुलाई 2015 में नगालैंड विधानसभा ने ग्रेटर नगालिम की मांग का समर्थन किया है, जो एक प्रशासनिक सुरक्षा में सभी नगा-बसे हुए क्षेत्रों का एकीकरण है.
नगा विद्रोहियों का सिलसिलेवार विवरण
नगा हिल्स 1881 में ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गया. नागा ब्रिटिश शासन से पहले स्वतंत्र थे, जबकि 1881 से अर्ध स्वतंत्रता का आनंद लिया.
1998 : बिखरी हुई नागा जनजातियों को एक साथ लाने के प्रयास के परिणामस्वरूप 1918 में नगा क्लब का गठन हुआ.
1929 : नगा क्लब ने 1929 में साइमन कमीशन को अकेला छोड़ने के लिए कहा.
01.04.1937: नगा क्षेत्रों को भारत सरकार अधिनियम (1935) के दायरे से बाहर रखा गया और सीधे ब्रिटिश क्राउन के तहत लाया गया.
1946 : फिजो के नेतृत्व में 1946 में नगा नेशनल काउंसिल (NNC) के गठन के बाद अलग नगा होमलैंड के लिए आंदोलन को गति मिली.
29.06.1947 : असम के तत्कालीन गवर्नर सर अकबर हैदरी ने नगाओं, टी. साखरी और अलीबा इम्ती के साथ 9 सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए.
संप्रभुत्व नगा राज्य की स्थापना का संकल्प
02.08.1947 : नगा नेशनल काउंसिल ने अंगामी जापू फिजो के नेतृत्व में विद्रोह किया और इस दौरान एनएनसी ने एक संप्रभु राज्य स्थापित करने के लिए संकल्प लिया.
14. 08.1947 : नगा नेशनल काउंसिल (नगा क्लब) ने नगा स्वतंत्र दिवस का एलान कर दिया.
01.05.1951 : एनएनसी का दावा है कि 99 प्रतिशत नगा स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं. एनएनसी ने 1952 के पहले आम चुनाव का बहिष्कार किया और हिंसक अलगाववादी आंदोलन शुरू किया.
22.03.1956: फिजो ने नगा संघीय सरकार (NFG) और एक नागा संघीय सेना (NFA) की स्थापना की.