नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने छात्रावास की नियमावली में संशोधन के फैसले को चुनौती देने वाली जेएनयू छात्र संघ की याचिका पर विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि नए अकादमिक वर्ष के लिए अभी तक पंजीकरण नहीं कराने वाले जेएनयू के छात्र पुरानी छात्रावास नियमावली के तहत पंजीकरण करा सकते हैं.
न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ ने मामले में पक्षकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी को भी नोटिस जारी किए.
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों साकेत मून, सतीश चंद्र यादव और मोहम्मद दानिश ने याचिका दाखिल की थी. याचिका में पिछले साल 28 अक्टूबर को जारी आईएचए की कार्यवाही के विवरण और 24 नवंबर को गठित उच्च स्तरीय समिति के अधिकार क्षेत्र और उसकी सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं.