बेंगलुरु : स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि विधेयकों को ऐतिहासिक कदम बताने पर कटाक्ष किया है. बेंगलुरु में कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कृषि विधेयक मील के पत्थर नहीं, बल्कि किसानों पर थोपे गए हैं. यह विधेयक किसानों के गले की फांस साबित होंगे.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में किसान न सिर्फ कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, बल्कि राज्य में लाए गए भूमि सुधार बिल का विरोध कर रहे हैं, जो वास्तव में लैंड डिफार्म बिल है. यह दर्शाता है कि सिर्फ हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र में नाराज नहीं, बल्कि देशभर के किसान सरकार की नीतियों से नाराज हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसानों के प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा समर्थित हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यहां मौजूद किसानों में कांग्रेस का एक भी व्यक्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि देशभर के किसान खुद सड़कों पर उतर कर कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके भविष्य को प्रभावित करने जा रहा है.
यह भी पढ़ें-कृषि अध्यादेश पर नरेश गुजराल को याद आए वाजपेयी, कहा- दबाई गई आवाज