नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर भारत पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है. इसके लिए भारत के गृहमंत्री अमित शाह पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. वहीं नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने इस बिल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की हिन्दू राष्ट्र की सोच का एक हिस्सा बताया है.
हालांकि कांग्रेस का ये मनना है कि नागरिकता संशोधन विधेयक भारत का एक आंतरिक मामला है, जिस पर अमेरिका या पकिस्तान जैसे किसी भी देश को बोलने का हक नहीं है.
पुनिया बोले - सीएबी से पाकिस्तान, अमेरिका या उनके संगठनों का कोई लेना-देना नहीं
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने कहा, 'पाकिस्तान कभी भारत की तारीफ नहीं करता है, कभी हमें मदद नहीं देता और न ही हमारा शुभचिंतक है, इसलिए पाकिस्तान जो भी बयान दे, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. नागरिकता संशोधन विधेयक हमारा आंतरिक मामला है.'
कांग्रेस सांसद पी.एल. पुनिया से ईटीवी भारत की बातचीत. पुनिया ने कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक अगर कल राज्यसभा से भी पास हो जाता है तो ये स्पष्ट है कि ये हमारा आंतरिक मामला है. इस मामले का पाकिस्तान, अमेरिका या उनके संगठनों का कोई लेना-देना नहीं है.'
लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस के पुरजोर विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल भारी बहुमत से पास हो गया था. हालांकि अभी राज्यसभा में CAB को रखा जाना है.
पुनिया ने आगे की रणनीति के बारे में कहा, 'इस बिल को लेकर कांग्रेस पार्टी का मत स्पष्ट है. राज्यसभा में भी हम इस बिल का विरोध करेंगे. अन्य राजनीतिक दलों से भी बातचीत जारी है. हमारा अब भी यही पक्ष है कि नागरिकता संशोधन बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. हमें उम्मीद है कि बुधवार को यह विधेयक राज्यसभा से पास नहीं होगा.'
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बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा - सीएबी में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ भी नहीं
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने ईटीवी भारत से कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक प्रताड़ित होकर धर्म बदलने या छोड़ने को मजबूर है, जबकि भारत में अल्पसंख्यक 8 प्रतिशत से 14 प्रतिशत हो गए.
ईटीवी भारत से बात करते बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल. विपक्ष के आरोप पर पाल ने कहा कि विपक्ष इस विधेयक को अल्पसंख्यकों के खिलाफ बता रहा है, इस विधेयक में ऐसा कुछ नहीं है. इसमें सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में जगह दी गई है.
असदुद्दीन ओवैसी द्वारा विधेयक की प्रति फाड़ने पर भाजपा सांसद ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ट्वीट में भारत के लिए हिन्दू राष्ट्र की जो भाषा बोल रहे हैं, वही असदुद्दीन ओवैसी का भी भाषा है.
बकौल पाल, 'जहां तक पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध की बात है तो हाल ही में आम चुनाव में जिस तरह का जनादेश मिला है इससे स्पष्ट है कि पूर्वोतर के लोग भी इस बिल के साथ हैं.'