चंडीगढ़ :पंजाब में जहरीली शराब पीने से अभी तक 104 लोगों की मौत हो चुकी है और बच गए लोगों में से कई ने आंखों की रोशनी प्रभावित होने की शिकायत की है. इस मामले मेंकेंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बादल ने कहा कि जहरीली शराब मामले में सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों को कार्रवाई से 'बचाने' के लिए सरकार 'लीपापोती' कर रही है.
हरसिमरत कौर बादल आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस के उन नेताओं को 'बचा रहे' हैं जिनके 'नाम' मृतकों के परिजनों ने लिए हैं.
हरसिमरत ने रविवार को ट्वीट किया, 'पंजाब जहरीली शराब मामले में कांग्रेस विधायकों को बचाने के लिए लीपापोती चल रही है. विधायकों के सहयोगियों को ईएनए की आपूर्ति करने वाले डिस्टलरी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. निंदनीय है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मृतकों के परिजन ने जिन कांग्रेसियों के नाम लिये, उन्हें बचा रहे हैं.'
जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अमरिंदर सिंह की सरकार के खिलाफ पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा सहित कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया.
सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे आप सांसद भगवंत मान ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हुई है जिसमें ज्यादातर गरीब परिवार के लोग थे. भगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने पूरे मामले में एक सिटिंग जज से जांच कराए जाने की मांग की है.
इस घटना पर आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह का कहना है कि पिछले तीन जहरीली शराब पीने से, मौत हुई है वो काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि लोगों की मौत से अधिक अफसोस की बात यह है कि सीएम अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, उन्होंने चुनाव के दौरान चार हफ्ते में शराब का कारोबार खत्म करने का वादा किया था, लेकिन आज हालात बिल्कुल विपरीत है. बता दें कि सीएम अमरिंदर के पास आबकारी और गृह मंत्रालय का प्रभार भी है.
दिल्ली के सीएम से भिड़े !
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की. इस पर अमरिंदर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने काम से काम रखना चाहिए. अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता से कहा, 'राज्य में निष्क्रिय पड़ी आम आदमी पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए इस त्रासद घटना का इस्तेमाल न करें.