प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बालिग लड़का व लडकी अपनी मर्जी से पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ रह सकते है. उनके जीवन में हस्तक्षेप करने का किसी को अधिकार नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार देता है, किन्तु महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, जो सही नहीं है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत बिना धर्म बदले दो धर्मो को मानने वाले शादी कर वैवाहिक जीवन बिता सकते हैं और यह कानून सभी धर्म पर लागू है. इसके बावजूद लोग शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, जो सही नहीं है. कोर्ट ने विपरीत धर्मों के याचियों को अपनी मर्जी से कहीं भी किसी के साथ रहने के लिए स्वतंत्र कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जे. जे. मुनीर ने यह फैसला सहारनपुर की एक हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की याचिका पर दिया है.