नई दिल्ली :खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से हटने का एकतरफा फैसला करने के लिये हॉकी इंडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय महासंघ का ऐसा कोई भी निर्णय करने से पहले सरकार के साथ परामर्श करना जरूरी होता है.
ठाकुर ने कहा कि देश में ओलंपिक खेलों का मुख्य वित्त पोषक होने के कारण सरकार को राष्ट्रीय टीम के प्रतिनिधित्व पर निर्णय करने का पूरा अधिकार है.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, मुझे लगता है कि किसी भी महासंघ को इस तरह का बयान देने से बचना चाहिए और पहले सरकार के साथ चर्चा करनी चाहिए क्योंकि यह महासंघ की टीम नहीं, राष्ट्रीय टीम है.
ठाकुर ने कहा, इस 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में केवल 18 खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते है. यह (राष्ट्रमंडल खेल) वैश्विक प्रतियोगिता है और मेरा मानना है कि उन्हें (हॉकी इंडिया) को सरकार और संबंधित विभाग से बात करनी चाहिए. फैसला सरकार करेगी.
हॉकी इंडिया ने कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और ब्रिटेन के पृथकवास से जुड़े भेदभावपूर्ण ऩियमों के कारण मंगलवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) से हटने का फैसला किया जिसके बाद ठाकुर का कड़ा बयान आया है.
हॉकी इंडिया ने इसके साथ ही कहा था कि बर्मिंघम खेलों (28 जुलाई से आठ अगस्त) और हांगजोउ एशियाई खेलों (10 से 25 सितंबर) के बीच केवल 32 दिन का समय है. एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर टीम 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई कर जाएगी.