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Amarnath Yatra 2023 : पहला जत्था पहलगाम पहुंचा, गांदरबल पहुंचे 1491 तीर्थयात्री

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था पहलगाम पहुंचा. इससे पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से यात्रियों को हरी झंडी दिखाई थी.

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Published : Jun 30, 2023, 6:32 PM IST

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पहलगाम/गांदरबल:कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार दोपहर को पहलगाम पहुंचा (First batch of Amarnath Yatris reached Pahalgam ). एलजी मनोज सिन्हा ने शुक्रवार की सुबह जम्मू भगवती नगर बेस कैंप से यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई, जिसमें 3488 लोग शामिल हैं.

यात्रियों ने जम्मू से जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से अपनी यात्रा शुरू की और दोपहर के बाद घाटी में प्रवेश किया. नुनवान आधार शिविर पहलगाम (Nunwan base camp Pahalgam) से तीर्थयात्रियों को भगवान शिव की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए ले जाया गया. तलाशी और आरएफआईडी कार्ड की जांच के बाद तीर्थयात्रियों को नुनवान बेस कैंप भेजा गया.

अमरनाथ तीर्थयात्री नुनवान पहलगाम और मध्य कश्मीर के गंदरबल बालटाल आधार शिविरों में रहेंगे और शनिवार सुबह अमरनाथ पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा आगे बढ़ाएंगे.

अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे और सुरक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा एक उचित मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी.

बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और नए सुरक्षा पिकेट स्थापित किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विध्वंसक तत्व तीर्थयात्रा को बाधित न कर सकें.

पहलगाम पहुंचने पर जिला विकास आयुक्त अनंतनाग सैयद फखरुद्दीन हामिद, डीआइजी रईस बट, एसएसपी अनंतनाग, सीईओ पीडीए, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक पर्यटन ने फूलों से तीर्थयात्रियों का स्वागत किया.

गांदरबल पहुंचे तीर्थयात्री

1491 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गांदरबल पहुंचा :उधर, 1491 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गांदरबल पहुंचा, मनिगाम आधार शिविर को पार किया. तीर्थयात्रियों का नाप्रशासन के अधिकारियों, पुलिस के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने स्वागत किया. बाद में जत्था बालटाल के लिए रवाना हो गया.

गौरतलब है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ की अतिरिक्त 85 कंपनियों को शामिल किया जा रहा है, जिनमें से ज्यादातर घाटी में छह महिला कंपनियों को शामिल किया जा रहा है. 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को समाप्त होगी.

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