गांधीनगर : गुजराती में एक कहावत है कि जिस राज्य का बच्चा स्वस्थ है उसका भविष्य भी स्वस्थ है. अगर गुजरात की बात करें तो पूरे देश में गुजरात को एक विकसित राज्य माना जा रहा है, लेकिन पिछले 30 दिनों में राज्य में 802 कुपोषित बच्चे पैदा हुए हैं, जिससे राज्य के विकास पर सवालिया निशान लग गया है.
आपकाे बता दें कि राज्य सरकार के गुजरात पोषाहार अभियान के तहत कई योजनाएं संचालित हो रही हैं. हालांकि, पिछले 30 दिनों में गुजरात में 802 कुपोषित बच्चों का जन्म हुआ है, जबकि बनासकांठा जिले में सबसे ज्यादा 239 बच्चे कुपोषित पैदा हुए हैं.
जहां केंद्र सरकार ने कुपोषण को रोकने के लिए 'सही पोषण देश रोशन' (Sahi Poshan Desh Roshan) का नारा भी दिया है, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी गुजरात के दाहोद में पिछले साल 23 जनवरी काे गुजरात पोषण अभियान की शुरुआत की. जिसमें आंगनबाड़ियों को कम वजन के बच्चों को सामान्य वजन के बनाने के लिए पाेषक आहार देने की जिम्मेदारी दी गई.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की घोषणा के बाद 25-1-2020 से 29-1-2020 तक प्रदेश के सभी ग्रामीण अंचलों में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. राज्य भर में जिला, तालुका, पंचायत और नगर निगम स्तरों पर कुल 1302 कार्यक्रम आयोजित किए गए.