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Published : Apr 26, 2023, 7:32 PM IST

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छत्तीसगढ़ में हर साल 400 नक्सलियों के सरेंडर का दावा, फिर भी नहीं रुक रहे नक्सल हमले !

हिंसा के रास्ते पर चल पड़े युवाओं को मौका देकर दोबारा समाज से जोड़ने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है. हर साल 400 से ज्यादा नक्सलियों के सरेंडर का दावा किया जा रहा है. बावजूद इसके नक्सली हमले थमने का नाम नहीं ले रहे. बुधवार को दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी जवानों को जान गंवानी पड़ी है. Naxal attacks still happening

Naxal attacks still happening
दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट

रायपुर/ बस्तर:बस्तर संभाग में पिछले 22 साल में मुखबिरी का आरोप लगाकर 1700 लोगों को नक्सली मौत के घाट उतार चुके है. जल, जंगल और जमीन के नाम पर अपनों का ही खून बहता देख, हिंसा की राह पर चल रहे युवाओं का नक्सलियों से मोहभंग हो रहा है. आर्थिक सहायता से लेकर हर तरह की सुविधाएं दंतेवाड़ा में 'लोन वर्राटू' अभियान के तहत सरेंडर करने वालों को दी जा रही हैं. इसी का नतीजा है कि हर साल 400 से अधिक नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. बावजूद इसके बस्तर सहित संभागभर में नक्सली घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. दंतेवाड़ा में बुधावार को हुआ नक्सली हमला इसकी बानगी है. इस हमले में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के 10 जवानों सहित एक नागरिक की जान गई है.

इलाके में चलाया जा रहा है तलाशी अभियान:बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा "10 डीआरजी जवानों और एक नागरिक चालक ने हमले में अपनी जान गंवा दी. उन सभी के शवों को मौके से निकाला जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद हैं. तलाशी अभियान जारी है."

युवाओं को गुमराह करते हैं बाहरी राज्यों के नक्सली लीडर्स :भाकपा माओवादी संगठन के ज्यादातर सीनियर लीडर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से आते हैं. ये लोग छत्तीसगढ़ के युवाओं को जल, जंगल और जमीन के नाम पर बरगलाते हैं. पिछले 22 साल के दौरान मुखबिर होने का आरोप लगागर इनसे जरिए 1700 से ज्यादा लोगों की हत्या करा दी गई. बहुत से इलाकों में न सड़क है न अस्पताल. स्कूल के साथ ही दूसरी बुनियादी सुविधाएं भी लोगों को नहीं मिल पा रहीं. माओवादियों का विकास विरोधी चेहरा देखने के बाद अब स्थानीय युवक हिंसा के रास्ते को छोड़ने लगे हैं.

यह भी पढ़ें- दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, 10 DRG जवान शहीद

शांति और विकास में योगदान देंगे हिंसा छोड़ चुके युवा:बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक "लोन वर्राटू नाम से दंतेवाड़ा में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसका बेहतर रिजल्ट भी मिल रहा है. हर साल औसतन 400 से ज्यादा नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. हमें पूरा विश्वास है कि अन्य माओवादी कैडर बहुत जल्द हिंसा छोड़कर माओवादियों के असली चेहरे को समझेंगे और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर शांति और सुरक्षा के लिए क्षेत्र के विकास में अपना योगदान देंगे."

छत्तीसगढ़ में साल 2023 में कितने बड़े नक्सल हमले हुए

  1. 20 फरवरी 2023:नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी शहीद और दो घायल
  2. 25 फरवरी 2023: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में तीन जवान शहीद, 6 नक्सली मारे गए.
  3. 27 फरवरी को बस्तर में हुए नक्सली हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे.

कुल मिलाकर साल 2010 से साल 2023 तक के आंकड़ों में सिर्फ 10 बड़े नक्सली हमले का जिक्र करें तो इन हमलों में 277 जवानों और आम लोगों की मौत हुई है. जो नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ बनने के दावे पर सवाल उठाते हैं.

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