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सूरजपुर में अवैध रेत उत्खनन जारी

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Published : Feb 1, 2021, 5:33 PM IST

सूरजपुर में लगातार अवैध रेत का उत्खनन जारी है. ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

Illegal sand quarrying continues in Surajpur
रेत उत्खनन

सूरजपुर : बलरामपुर और सूरजपुर जिले की जीवनदायनी कही जानी वाली महानदी और रेंड़ नदी से रेत माफिया लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. इन नदियों के साथ जिले से होकर गुजरने वाली दूसरी सहायक नदियों से रोजाना रेत का अवैध तरीके से उत्खनन कर भंडारण किया जा रहा है. तमाम शिकायतों के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

सूरजपुर जिले के सत्तीपारा-भैसामुंडा, बिहारपुर-चपोता बलरामपुर जिले के मेढ़ारी, मोरन नदी और अन्य जगहों से धड़ल्ले से अवैध रेत परिवहन और भंडारण किया जा रहा है. रेत उत्खनन को लेकर सभी जगहों पर विवाद की स्थिति बनी रहती है. अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा है. वहीं अवैध परिवहन और ओवरलोड परिवहन से सड़क मार्ग जर्जर हो गए हैं. रेत माफिया लीज में लिए गए स्थान से हटकर अन्य जगहों से उत्खनन करने लगे हैं. अवैध खनन से जहां शासन को लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है.

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मिलीभगत से चल रहा कारोबार

रेत के इस अवैध कारोबार में जिले के अलावा आस-पास के जिले के दबंगों, नेताओं और बाहरी राज्य के लोग भी शामिल हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि अगर रेत खनन का विरोध भी किया जाता है तो उन्हें दबंग और नेताओं का धौंस देकर डराया जाता है. ग्रामीणों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया. क्षेत्र के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि शासन प्रशासन अवैध उत्खनन और ओवरलोडिंग परिवहन पर तत्काल रोक नहीं लगाती है तो उग्र आंदोलन और चक्काजाम किया जाएगा.

सड़कें हो रही जर्जर

सूरजपुर-बलरामपुर जिले से ओवरलोड रेत का परिवहन करने वाले हाइवा और ट्रकों से सड़कें जर्जर हो रही हैं. स्थिति यह हो गई है पैदल चलने में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि सूरजपुर और बलरामपुर जिले के कुछ जिम्मेदार लोग अपने आपको बड़े नेताओं का रिश्तेदार बताकर जिले से अवैध रेत का परिवहन कर रहे हैं. रेत परिवहन करने के लिए बकायदा कुछ ट्रांसपोर्टरों के साथ खनिज माफियाओं का अनुबंध हुआ है. वाहन के वहां पहुंचने से पहले खनिज माफियाओं के पास लोड करने वाले वाहन का नंबर पहुंच जाता है. जिसके बाद वहां वाहनों की लोडिंग होती है.

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