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इंटरनेट ने खत्म किया 14 साल का 'वनवास', दुलेश्वर को मिली प्रमिला

जिले के डुमरिया गांव से लापता हुई महिला को इंटरनेट की मदद से ढूंढ लिया गया. सूचना मिलते ही पुलिस ने टीम बनाकर लापता महिला को कोलकाता से ढूंढ निकाला.

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Published : Feb 28, 2020, 2:47 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 9:23 PM IST

Detection of a woman missing from 14 years
14 साल बाद मिली प्रमिला

सूरजपुर: जिले के भटगांव थाने क्षेत्र अंतर्गत डुमरिया गांव से 14 साल पहले लापता प्रमिला यादव पश्चिम बंगाल के आसरा नाम के अनाथ आश्रम में मिली. सूरजपुर जिले की प्रमिला यादव 14 साल पहले साल 2006 में दिमागी हालत खराब होने के कारण अपने घर से अचानक निकल गई थीं. इसके बाद घरवालों के बहुत ढूंढने पर भी प्रमिला नहीं मिली. इस पर पति दुलेश्वर यादव ने थाना भटगांव में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन कहीं पता नहीं चलने पर पति ने हिम्मत नहीं हारी और पत्नी की तलाश लगातार करता रहा.

14 साल बाद परिजनों से मिली महिला.

दुलेश्वर ने साइकिल में घूमकर-घूमकर अपनी पत्नी की तलाश की. वो न केवल छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में घूमा, बल्कि उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के सभी जिलों में अपनी पत्नी को ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दुलेश्वर के इतना ढूंढने पर भी उसकी पत्नी नहीं मिली और मिलती भी कैसे. वो पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में जा चुकी थी.

इंटरनेट से ढूंढा प्रमिला का घर

प्रमिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और कोलकाता के आसरा आश्रम में उसका इलाज चल रहा था. इस दौरान उसको सब कुछ याद आ गया, लेकिन उसे केवल अपने गांव का और अपने पति का नाम याद था. इसमें आश्रम में रहने वाली संचालिका तुलसी मायती ने इंटरनेट की मदद से डुमरिया गांव का पता ढूंढ निकाला. तुलसी ने चिट्ठी के जरिए प्रमिला के घरवालों को जानकारी दी. जिसकी सूचना घरवालों ने पुलिस को दी.

14 साल बाद एक हुए पति-पत्नी

नहीं मालूम था अपने गांव का पता

आपको बता दें कि प्रमिला यादव के 5 बच्चे हैं. जिनकी शादी हो चुकी है. बचपन में ही मां का सहारा नहीं रहने पर बाप ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी पत्नी की तलाश भी करता रहा. वहीं उसकी खोई हुई पत्नी अपने घर परिवार से हजारों किलोमीटर दूर नए लोगों के बीच नए शहर और नई भाषा के साथ थी. उसे न अपने राज्य का नाम पता था न ही पति का और न ही अपने गांव का नाम पता था. ऐसे में प्रमिला आश्रय में रहने वाली बच्चियों की सेवा करने लगी.

अपनी भाषा भूल चुकीं थी प्रमिला

प्रमिला ने बताया कि उन्हें कई बार बच्चों और पति की याद आती थी. लेकिन पता नहीं होने के कारण वह उन्हें चिठ्ठी भी नहीं भेज पाती थी. मन ही मन परिवार से मिलने की मन्नत करती थी. इस बीच वह अपनी भाषा तक भूल गई और बांग्ला भाषा बोलने लगी.

समाज ने अंतिम संस्कार करने कहा: दुलेश्वर

वहीं पति दुलेश्वर ने बताया कि पत्नी के सालों से नहीं मिलने और बच्चों के लालन-पालन को लेकर समाज के लोग गुम पत्नी के अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाने लगे. गांव वालों ने कहा कि अगर तुम अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं करोगे तो तुम्हें समाज से निकाल देंगे. पति ने दबाव में मन तो बना लिया था. लेकिन मन ही मन यह सोच रहा था कि अगर पत्नी जिंदा होगी तो एक अन्याय कर बैठूंगा. यही सोचकर दुलेश्व अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं कर रहा था. दुलेश्वर ने कहा कि 'मुझे पूरा यकीन था कि प्रमिला जिंदा है और आज नहीं तो कल जरूर मिलेगी.'

प्रमिला के मिलने से गांव में खुशी

सूचना मिलते ही पुलिस की टीम जांच पड़ताल के बाद पति और परिजनों को साथ कोलकाता पहुंची. जिसके बाद पुलिस प्रमिला को लेकर वापस उनके घर पहुंची. प्रमिला के घर पहुंचते ही गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

सूचना मिलते एक टीम कोलकाता भेजा: एसपी

सूरजपुर पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर ने बताया कि जैसे ही हमें जानकारी मिली प्रमिला कोलकाता के किसी शहर में है, हमने तुरंत एक टीम बनाकर कोलकाता रवाना कर दिया. जिसके बाद कोलकाता पुलिस की मदद से प्रमिला को वापस सूरजपुर लाया गया.

Last Updated : Feb 28, 2020, 9:23 PM IST

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