सुकमा: मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में प्रचार रथ के माध्यम से आमजनों को मलेरिया से बचाव की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने मंगलवार को जिला कार्यालय से मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. प्रचार रथ के माध्यम से सुकमा जिलावासियों को मलेरिया से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों और चिकित्सकीय परामर्श संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार रथ को किया रवाना मलेरिया से बचाव के बताए जा रहे हैं उपाय
15 दिसंबर 2020 से 30 जनवरी 2021 तक इस प्रचार माध्यम से लोगों को मलेरिया की रोकथाम के लिए अपने घरों की खिड़की-दरवाजों पर जाली का उपयोग, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग, किसी भी जगह पर पानी इकट्ठा ना होने देना, घर और परिसर में कीटनाशक का छिड़काव करने जैसी जानकारी दी जाएगी.
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सुकमा जिले में मलेरिया का खतरा बना रहता है. गर्भवती महिलाओं सहित बच्चों और बूढ़ों में इसका खतरा ज्यादा होता है. मलेरिया के लक्षणों में बार-बार ठंड के साथ बुखार आना, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, भूख ना लगना और उल्टी होना शामिल है. जिला प्रशासन सुकमा एवं स्वास्थ्य विभाग ऐसे किसी भी लक्षण को अनदेखा ना कर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने के लिए आम लोगों से अपील करता है, ताकि जिले को मलेरिया मुक्त बनाया जा सके.
मलेरिया से बचाव के लिए प्रचार रथ मलेरिया मादा एनोफेलीज मच्छर के कारण होता है
मलेरिया में रोगी को सर्दी और सिरदर्द के साथ बार-बार तेज बुखार आता है. ये मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से होता है. ये मच्छर शरीर में मलेरिया होने के लिए जिम्मेदार परजीवी प्लाज्मोडियम को छोड़ता है.
मलेरिया के लक्षण
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- पसीना आना
- ठंड लगना
- उल्टी होना
- मांसपेशियों में दर्द
- दस्त