सुकमा:मानसून सीजन में धान और मक्का की बुआई का करीब-करीब लगभग पूरा हो चुका है. वहीं रोपाई का काम भी अब अंतिम चरणों में पहुंच चुका है. धान और मक्के की खेती के पहले दौर का काम पूरा कर चुके किसान अब अपनी बाड़ियों का रुख कर चुके हैं, जहां वे सब्जियों की खेती की तैयारी कर रहे हैं.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लघु और सीमांत किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. बाड़ी योजना के कारण भी किसानों का उत्साह काफी बढ़ा है. उद्यानिकी विभाग के उप संचालक ने बताया कि सर्दी और गर्मियों के दौरान जिले में सब्जियों की बम्पर पैदावार से भी किसानों का उत्साह बढ़ा है. पिछले रबी सीजन में विभाग द्वारा सहायता लेकर 1674 किसानों की बाड़ियों में सब्जियों का उत्पादन किया गया था, जिनमें 1237 नई बाड़ियां बनाई गई थीं.
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लाॅकडाउन के दौरान काफी राहत
बाड़ी कार्यक्रम के तहत इन छोटे किसानों को विभिन्न प्रकार की सब्जी बीज, खाद व मजदूरी की राशि भी उपलब्ध कराई गई थी. इनमें 6696 क्विंटल सब्जियों का उत्पादन हुआ था. इससे इन छोटे किसानों को घरेलू उपयोग के लिए घर की बाड़ी में ही पौष्टिक और स्वादिष्ट सब्जियां मिल गई थीं. इसके साथ ही आस-पास के हाट-बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी हासिल हुई. गांवों में ताजी सब्जियों के उत्पादन के कारण जिले के कस्बों में रहने वाले लोगों को भी लाॅकडाउन के दौरान काफी राहत मिली, जो ज्यादातर जगदलपुर और मलकानगिरी से आने वाली सब्जियों पर निर्भर थे.
किसान दोगुने उत्साह के साथ कर रहे काम
बाड़ी कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने इस बार 1810 किसानों के यहां बाड़ियों में सब्जियां लगाने का लक्ष्य रखा. इस योजना का किसानों में अच्छा प्रभाव देखा गया और अब तक 1880 किसानों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए पंजीयन करवा चुके हैं. इस कार्यक्रम की सफलता को देखकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अधिक से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए दोगुने उत्साह के साथ कार्य कर रहे हैं.