रायपुर : छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में गर्मी बढ़ने के साथ ही भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. कई गांवों और कस्बों में हैंडपंप सूख चुके हैं.वहीं कुछ क्षेत्रों में भूजल स्तर 25 से 30 मीटर तक नीचे चला गया है. लोगों को भीषण गर्मी में पानी के लिए परेशान ना होना पड़े इसके लिए पीएचई विभाग सक्रिय है. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है. गांवों और कस्बों में हैंडपंप का सर्वे कराया जा रहा है.कई हैंडपंपों में सिंगल फेस मोटर लगाने का भी प्रावधान है.
प्राकृतिक जलस्त्रोत सूखे : गर्मी की शुरुआत में ही अधिकांश नदी, नालों सहित कुओं और तालाबों का पानी सूखने लगा है. इससे ग्रामीणों के लिए निस्तारी की समस्या खड़ी हो गई है. धमतरी जिले में महानदी के किनारे बसे गांव में पेयजल समस्या विकराल रूप ले रही है. रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) से निस्तारी के लिए पानी नहीं छोड़े जाने के कारण नदी सूख चुकी है. आसपास के गांव में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. पेयजल समस्या को देखते हुए ग्रामीण निस्तारी के लिए बांध से पानी छोड़े जाने की मांग शासन प्रशासन से कर रहे हैं.
पीएचई विभाग अलर्ट : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि '' प्रदेश में भीषण गर्मी के सीजन में पेयजल संकट की स्थिति से निपटने के लिए सभी जिलों में विभाग के मैदानी अमले को सतर्क कर दिया गया है. पेयजल की स्थिति की सतत निगरानी के अलावा गांव में खराब हैंडपंपों के सुधार, राइजर पाइप बढ़ाने और सोलर पंप लगाने का कार्य किया जा रहा है.''