रायपुर: भूपेश सरकार जल्द ही अपना बजट विधानसभा में पेश करेगी. इस बजट से पहले हम कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ में अलग-अलग सेक्टर से जुड़े लोगों से बातचीत कर समझने की कोशिश कर रहे हैं कि राज्य सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं. इसी कड़ी में ETV भारत ने कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों से खास बातचीत की.
प्रदेश में 60 फीसदी लोग कृषि और इससे संबंधित कार्य में लगे हुए हैं. प्रदेश के नए वित्तीय वर्ष 2020-21 की बजट को लेकर कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें हैं.
योजनाओं का नहीं मिल पाया है लाभ
किसानों का कहना है कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा और बढ़ाने की जरूरत है. हर खेत को पानी, बिजली और रास्ता मिले तभी किसान उन्नति कर पाएंगे. इसके बिना तो अन्य योजनाओं का उचित लाभ भी नहीं मिल पाएगा. प्रदेश में छोटे और मझोले किसानों के बीच भेदभाव खत्म होना चाहिए. सिर्फ नरवा गरुवा घुरवा अउ बारी की बात कहकर किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत नहीं किया जा सकता.
बेहतर मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की व्यवस्था हो
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नवाचारी और औषधि फसलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए तभी आय बढ़ेगी. कृषि वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र चंद्राकर कहते हैं कि कृषि की लागत को समझकर उत्पादन और लाभ को बढ़ाने वाली बजट की जरूरत है. फसलों के मूल्य का सही आकलन तभी होगा, जब बेहतर मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की व्यवस्था हो. सरकार को पंचवर्षीय योजनाएं लाने की जरूरत है. किसानों को मिल रही योजना की सही तरह से निगरानी होनी चाहिए. अधिकारियों के भरोसे योजना नहीं चल सकती. अनुदान की मौजूदा व्यवस्था को बदलने की भी दरकार है.