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Self defense: महिला हिंसा के मामले में बन रहा बड़ा हथियार

महिला हिंसा को लेकर संवेदनशील सरकार और पुलिस की चौकसी का असर है कि हाल के सालों में महिला हिंसा ( women violence) के मामले में काफी राहत भरा परिणाम देखने को मिला है. महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के मामले में इस नियंत्रण के पीछे सख्त कानून, महिलाओं की सतर्कता को बड़ा श्रेय दिया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों और महिला हिंसा पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि महिलाओं को सेल्फ डिफेंस (Self defense ) के प्रति जागरूक होना चाहिए.

students practicing self defense
सेल्फ डिफेंस का अभ्यास करते छात्र

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Published : Aug 23, 2021, 2:23 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 11:12 PM IST

रायपुरःहर साल प्रदेश में अपराधों की संख्या बढ़ रही है. इन अपराधों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की संख्या ज्यादा है. आज के समय में चाहे दिन हो या रात, भीड़ भाड़ वाले रास्ते हो या सुनसान रास्ता, महिला अकेले जाना सेफ महसूस नहीं करती है. महिलाओं को अक्सर यह डर लगा रहता है कि कहीं उसके साथ कुछ गलत ना हो जाए. कहीं उसे कोई गलत नजरों से तो नहीं देख रहा. हालांकि इस बीच महिला हिंसा को लेकर संवेदनशील सरकार और पुलिस की चौकसी (police vigilance ) का असर ही कहा जाएगा कि हाल के सालों में महिला हिंसा के मामले में काफी गिरावट देखने को मिला है.

सेल्फ डिफेंस का अभ्यास करते छात्र

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं को या किसी भी नागरिक को सेल्फ डिफेंस आना काफी जरूरी हो जाता है. सेल्फ डिफेंस ना सिर्फ अपने आप को बचाने में बल्कि अपने अंदर एक कॉन्फिडेंस भी पैदा करता है. इससे गलत लोगों का सामना करने में या गलत को गलत कहने में मदद मिलती है.

रायपुर में पिछले कुछ सालों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधः

अपराध 2019 2020
बलात्कार 283 246
छेड़छाड़ 218 183
यौन उत्पीड़न 56 39

सेल्फ डिफेंस सीखने से लोगों में बड़ता है कॉन्फिडेंस , गलत के प्रति मजबूती से उठा सकते हैं अपनी आवाजः

कराटे ट्रेनर हर्षा साहू ने बताया कि आज के समय में महिला या बच्चों को सेल्फ डिफेंस आना सबको बहुत जरूरी है. सेल्फ डिफेंस का मतलब यह नहीं कि आप किसी को बेवजह नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि सेल्फ डिफेंस का मतलब है कि आप अपनी रक्षा कर पाएं. गलत चीजों पर आवाज उठा पाएं. खासकर महिलाओं को. आजकल महिला सेल्फ इंडिपेंडेंट हो गई हैं. वह काम करना चाहती हैं और ऐसे में रात को काम से घर जाते वक्त कई बार सड़क सुनसान रहती है. कई बार सड़क पर लाइट नहीं रहती. ऐसे समय में सेल्फ डिफेंस आने से महिला को कॉन्फिडेंस मिलता है और गलत होने पर वह अपने आप को संभाल सकती हैं.

अब कॉन्फिडेंट होकर उन रास्तों से गुजरते हैंः

स्टूडेंट्स ने बताया कि बाजारों में दिन के समय भी जाते वक्त हमें यह ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं कोई हमें गलत तरीके से तो नहीं देख रहा. हम अपनी मर्जी से कंफर्टेबल कपड़े पहन कर बाजार में नहीं जा सकते. नहीं तो लोगों की निगाहें हम पर ही रहेगी. एक महिला को रोजाना काफी चीजों से लड़ना पड़ता है. अपने आप को संभालना पड़ता है. कई बार ट्यूशन से घर जाते वक्त सड़क सूनसान रहता है. अंधेरा रहता है. सड़क पर ऐसे समय में किसी को भी उस जगह से गुजरने में डर लगता है. ऐसे में सेल्फ डिपेंडेंट होना और सेल्फ डिफेंस आना बहुत जरूरी होता है. वह आपको कॉन्फिडेंस देता है और गलत चीजों पर आवाज उठाने की हिम्मत देता है.

स्टूडेंट प्रतिमा कुमारी ने कहा कि कई बार हिंसा की शिकार महिला घुट-घुट कर जीने के लिए विवश हो जाती है. असामाजिक तत्व महिला को कमजोर समझ कहीं, किसी भी मौके पर अपनी गंदे हरकतों से बाज नहीं आते. ऐसे हालात से बचने के लिए आज के दौर में सेल्फ डिफेंस का गुर सीखना बहुत जरुरी है.

स्टूडेंट मुस्कान देवांगन ने कहा कि आधुनिक दौर में महिलाओं के ड्रेस देखकर कुछ विपरित मानसिकता के लोग अपना आपा खो जाते हैं. हिंसा की शिकार महिला आप बीती भय की वजह से घर में कह नहीं पाती. इन विषम परिस्थियों से निपटने के लिए महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के प्रशिक्षण पर जोर देना होगा.

मनीष सोनकर ने कहा कि सेल्फ डिफेंस ना सिर्फ आपको शारीरिक तौर पर मजबूत बनाते हैं बल्कि मानसिक तौर पर भी सेल्फ डिफेंस लोगों को मजबूत बनाता है. बच्चों की ग्रूमिंग करना, दूसरों को रिस्पेक्ट करना और सेल्फ डिफेंस सिखाना बहुत जरूरी है.

सुशील कुमार ने कहा कि एक महिला को रोजाना काफी चीजों से लड़ना पड़ता है. अपने आप को संभालना पड़ता है कई बार ट्यूशन से घर जाते वक्त सड़क सुनसान रहता है. अंधेरा रहता है सड़क पर. ऐसे समय में किसी को भी उस जगह से गुजरने में डर लगता है. महिलाओं के लिए सेल्फ डिपेंडेंट होना और सेल्फ डिफेंस बहुत जरूरी हो गया है.

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सेल्फ डिफेंस ना सिर्फ शारीरिक, मानसिक तौर पर भी लोगों को बनाता है मजबूतः

पेरेंट्स ने बताया कि आए दिन महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के बारे में हम सुनते रहते हैं. ऐसे में चाहे लड़का हो या लड़की, सबको सेल्फ डिफेंस आना बहुत जरूरी है. हम हमेशा कोशिश करते हैं कि बच्चों की ग्रूमिंग अच्छे से करें और उन्हें जागरूक बनाएं. आज के समय में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में बच्चों की ग्रूमिंग करना दूसरों को रिस्पेक्ट करना और सेल्फ डिफेंस सिखाना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि वह खुद की तो रक्षा करें ही. दूसरों की भी रक्षा करें. गलत होने पर गलत के खिलाफ खड़े हो सकें. सेल्फ डिफेंस ना सिर्फ आपको शारीरिक तौर पर मजबूत बनाते हैं, बल्कि मानसिक तौर पर भी सेल्फ डिफेंस लोगों को मजबूत करता है. चाहे आप कराटे सीख रहे हों या मार्शल आर्ट्स, यह सब आप को मजबूत करने का काम करते हैं.

Last Updated : Aug 23, 2021, 11:12 PM IST

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