रायपुर : winter session of chhattisgarh assembly के दौरान बुधवार को धर्मांतरण और आरक्षण के मुद्दे पर हंगामे की वजह से करीब 1 घंटे तक सदन को स्थगित करना पड़ा. एक घंटे तक स्थगित होने के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही फिर से हंगामा शुरू हो गया. भाजपा के विधायकों ने सदन में चावल चोर के नारे लगाना शुरु किया.उसके बाद गर्भगृह के पास सभी विपक्ष के विधायक धरने पर बैठ गये. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने पर्ची फाड़कर आसंदी की तरफ फेंका. हंगामा थमता नहीं देख विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी.
विधानसभा की कार्यवाही में 2 विधेयक पारित :हंगामे से पहले सरकार की ओर से सदन में 2 विधेयक लाए गए. जिसमें पहला विधेयक छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन जुआ-सट्टा के कारोबार को रोकने छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक (Chhattisgarh Gambling Prohibition Bill) है.छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बुधवार को इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया. जिस समय यह विधेयक पारित हुआ उस समय भाजपा के विधायक चावल घोटाले से जुड़े
आरोपों को लेकर गर्भगृह में धरना दे रहे थे. ऐसे में मुख्य विपक्ष इस विधेयक की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुआ. इस विधेयक को एक घंटे की चर्चा प्रस्तावित थी.इसके बाद आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने अनाधिकृत विकास के नियमितीकरण विधेयक पेश किया. यह विधेयक भी बिना चर्चा के पारित करा लिया गया. लेकिन विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ. विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा.
अनिश्चितकालीन के लिए सत्र स्थगित :अब भाजपा ने विपक्ष को विश्वास में लिए बिना विधानसभा के संचालन का भी आरोप लगाया है. इसी बीच भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आसंदी पर विपक्ष का अपमान करने का भी आरोप लगाया. इसके बाद भाजपा विधायक विरोध जताते हुए सदन के बाहर चले गए. कार्यसूची का काम पूरा होते विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. इसके साथ ही शीतकालीन सत्र का समापन हो गया.
संतराम नेताम निर्विरोध चुने गए विधानसभा उपाध्यक्ष :छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए आज नामांकन दाखिल करना था और 5 जनवरी को इसका निर्वाचन होना था. जिसके तहत विधानसभा सचिवालय में केवल एक नामांकन दाखिल किया गया है. जो कांग्रेस विधायक संतराम नेताम का था.भाजपा की ओर से उपाध्यक्ष के लिए किसी का नामांकन दाखिल नहीं किया गया. भाजपा ने भी संतराम नेताम को अपना समर्थन दिया है.
इसके बाद संतराम नेताम को निर्विरोध विधानसभा का उपाध्यक्ष घोषित कर दिया गया है. इस मौके पर संतराम नेताम ने मुख्यमंत्री, विधायकों और विपक्ष का आभार जताते हुए कहा कि '' अब वे संवैधानिक पद पर बैठने जा रहे हैं, इसलिए दायरे में रहकर काम करेंगे.अध्यक्ष और सभी विधायकों के सहयोग से अपनी नई जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का प्रयास करेंगे.'' Santram Netam elected Deputy Speaker
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क्यों चुना गया विधानसभा उपाध्यक्ष :बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्तूबर को निधन हो गया था. वे धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे. अगले दिन सुबह उनके सीने में दर्द हुआ.अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया था. उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी सावित्री मंडावी विधायक चुनी गई हैं.