रायपुर: कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तनातनी शुरू से रही है. चाहे वो वैक्सीन की आपूर्ति हो या फिर इसके दामों को लेकर सियासत होती रही है.वहीं अब वैक्सीन की बर्बादी (vaccine wastage in chhattisgarh) को लेकर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है. हाल ही में बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी (d purandeswari) ने एक ट्वीट कर हलचल मचा दी. पुरंदेश्वरी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी वैक्सीन बर्बाद कर दी गई. हालांकि राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में प्रदेश में सिर्फ 0.95 फीसदी ही वैक्सीन बर्बाद हुई है.
कोरोना की महामारी के बीच में वैक्सीनेशन को ही संजीवनी का रूप माना जा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर चल रही राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान सरकार को वैक्सीनेशन वेस्टेज के लिए दोषी ठहराया है. पुरंदेश्वरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी, झारखंड में 37 फीसदी और राजस्थान में 11.30 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद हो गए.
'वैक्सीन बर्बादी के आंकड़े गलत, अगर विश्वास नहीं तो केंद्र टीम भेजकर जांच करा ले'
'झूठ और भ्रम फैला रही बीजेपी'
कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर झूठा और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार के कोविड पोर्टल में छत्तीसगढ़ का वैक्सीन बर्बादी का औसत आंकड़ा 1 % से भी कम यानी 0.95% है. जो कि राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम है. ऐसे में बीजेपी झूठ और फरेब की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में डी पुरंदेश्वरी को माफी मांगना चाहिए.
'मिस मैनेजमेंट से वैक्सीन हुई बर्बाद'
कांग्रेस के आरोपों का पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि, वैक्सीन के मामले में भूपेश सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. केंद्र के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. सरकार टीकाकरण अभियान को लेकर सही क्रियान्वयन नहीं कर रही है. यही कारण है कि टीका की बर्बादी, वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने की खबरें आती रहती हैं. सरकार के मिस मैनेजमेंट के चलते ही बड़े पैमाने पर वैक्सीन वेस्टेज हुई है.