रायपुर: छत्तीसगढ़ ग्राम पटेल संघ भूपेश सरकार से नाराज है. पटेल संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों के लिए सड़क पर उतरने का मन बना लिया है. डिमांड पूरी नहीं होने की सूरत में संघ ने उग्र आंदोलन के साथ विधानसभा में कांग्रेस के विरोध की बात कही है.
हर महीने 3 हज़ार मानदेय देने की मांग: बजट सत्र में सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत संघ को 3 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही थी. लेकिन 3 हजार रुपये 1 साल का मानदेय हैं और पटेल संघ हर महीने 3 हजार रुपये दिए जाने की मांग कर रहा है. उपनी इन्हीं मांगों को लेकर पटेल संघ आवाज बुलंद कर रहा है.
छत्तीसगढ़ ग्राम पटेल संघ की 6 सूत्रीय मांगें: पटेल संघ के सदस्यों की मांग है कि छत्तीसगढ़ ग्राम पटेल संघ को शासन से मान्यता दी जाए. ग्राम पटेल की मृत्यु के बाद उनके परिवार की भर्ती की जाए. प्रदेश अध्यक्ष की सहमति को अंतिम माना जाए. ग्राम पटेल को ग्राम पंचायत का पदेन सदस्य बनाया जाए. ग्राम पटेल को शासन एवं प्रशासन के कामों में नियमित सदस्य बनाया जाए. ग्राम पटेल को देश के अन्य राज्यों की भांति पूरा कार्य और पूरी सुविधा दी जाए. ग्राम पटेल को मासिक मानदेय राशि कलेक्टर दर पर दी जाए.
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कांग्रेस को दी चेतावनी:छत्तीसगढ़ ग्राम पटेल संघ के प्रदेश अध्यक्ष गणेशराम चंदेल ने बताया कि "पिछले 23 सालों से ग्राम पटेल संघ का गठन होने के बाद आज तक सरकार के द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. जिसके कारण ग्राम पटेल संघ में नाराजगी और विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैं. आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन का मन भी बना लिया गया है."
"हमारी मांगें अगर पूरी नहीं होती है, तो कोर्ट जाने के साथ ही धरना प्रदर्शन, चक्का जाम जैसे तरीके अपनाए जाएंगे. साथ ही छत्तीसगढ़ ग्राम पटेल संघ आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी के विरोध में प्रचार करने के लिए मजबूर होंगे. जिसकी सारी जवाबदारी सरकार की होगी." - गणेशराम चंदेल, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ ग्राम पटेल संघ
ग्राम पटेल संघ 23 सालों से कर रही मांग: ग्राम पटेल संघ का मानना है कि गांव के पटेल शासन और प्रशासन के महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं. जिसकी जानकारी कलेक्टर कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री तक को भी है. 23 साल से वह लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. लेकिन उनकी सुध कोई नहीं ले रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि ग्राम पटेल की मांगों पर सरकार कब तक अमल करती है.