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छत्तीसगढ़ में नहीं है ऑक्सीजन की कमी, कोरोना से निपटने के लिए सेटअप तैयार

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Published : Sep 16, 2022, 7:42 PM IST

Raipur latest News छ्त्तीसगढ़ में कोरोना की लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी (no lack of oxygen in Chhattisgarh) देखने को मिली थी. उस दौर में कोविड मरीजों को सिलेंडर के लिए जूझना पड़ रहा था. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रावधान लाया. प्लांट लगने से अब प्रदेश के हर जिले में पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता है. Chhattisgarh health department

छत्तीसगढ़ में नहीं है ऑक्सीजन की कमी
छत्तीसगढ़ में नहीं है ऑक्सीजन की कमी

रायपुर :कोरोना की चौथी लहर का असर अब प्रदेश में लगभग खत्म हो गया (Chhattisgarh health department) है. प्रदेश में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 700 से भी कम है. हॉस्पिटलों में ज्यादा मरीज नहीं होने की वजह से प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत काफी कम हो गया है. कोरोना की पहली लहर के बाद से प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ी. जिसके बाद सरकार ने अधिकतर शासकीय स्कूलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए. वहीं निजी ऑक्सीजन प्लांटों को भी इस सरकार के द्वारा अनुमति दी गई. बाद में छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन का इतना उत्पादन हुआ कि इसकी आपूर्ति पड़ोसी राज्यों को भी छत्तीसगढ़ करने लगा. वर्तमान में छत्तीसगढ़ आगामी समय में किसी भी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार (no lack of oxygen in Chhattisgarh) है.

छत्तीसगढ़ में नहीं है ऑक्सीजन की कमी, कोरोना के लिए सेटअप तैयार
प्रदेश में कितने ऑक्सीजन प्लांट :कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड को देखते हुए सभी जिला अस्पतालों में और मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट लगाना शुरू किया गया. प्रदेश के लगभग 17 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है. जिसमे रायपुर , दुर्ग , बिलासपुर , बस्तर , बीजापुर , दंतेवाड़ा , धमतरी , जशपुर , कांकेर , कोरबा , कोरिया , महासमुंद , रायगढ़ , राजनंदगांव है. वर्तमान में 112 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है. जिसमें से 49 ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर्स फंड से लगाए गए हैं. पीएम केयर्स फंड से बनाया गया ऑक्सीजन प्लांट का रखरखाव और पूरी व्यवस्था छत्तीसगढ़ शासन के देखरेख में की जाती है. 46 ऑक्सीजन प्लांट सीजीएमसी ( छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल) संचालित करती हैं. 17 ऑक्सीजन प्लांट एनजीओ और निजी संस्थाएं संचालित करती है.कितनी होती है अब ऑक्सीजन की खपत : प्रदेश में बनाए गए 112 ऑक्सीजन प्लांट में से वर्तमान में 386.92 मैट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन का उत्पाद हो रहा है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 169 मेट्रिक टन की थी. वहीं कोरोना की तीसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत घटकर 105 मैट्रिक टन तक रह गई थी. क्योंकि तीसरी लहर के दौरान ज्यादातर मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत ही नहीं पड़ी. वहीं अभी प्रदेश में सभी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन प्रदेश में ऑक्सीजन की खबर काफी कम है. ऑक्सीजन की है पूरी व्यवस्था :एपिडेमिक कंट्रोल हेड डॉ सुभाष मिश्रा (Epidemic Control Head Dr Subhash Mishra) ने बताया " प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज , जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था है. प्रदेश में लगभग 112 ऑक्सीजन प्लांट संचालित हैं.जिसमें 80 हजार लीटर पर मिनट कैपेसिटी की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता है. आवश्यकता पड़ने पर प्रदेश के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. प्रदेश में भरपूर ऑक्सीजन : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने कहा " हमारी जानकारी के रूप में प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं. ऑक्सीजन प्लांट से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई पूरे प्रदेश में की जा रही. ऑक्सीजन की मांग अब वह नहीं रह गई है जो कोरोना काल में हम सबने देखी थी. ऑक्सीजन प्लांट लगने से अब हमारे पास भरपूर ऑक्सीजन सपोर्ट हो गया है. "Raipur latest News

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