रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस पर बेहद ही शर्मनाक और गंभीर आरोप लगे हैं. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के खडगवां थाना के प्रभारी के साथ दो पुलिस आरक्षकों पर एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है. मामले में पीड़िता का कहना है कि दो महीने पहले पुलिस उसके पति को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर थाने ले आई थी. इसके बाद समझौते के नाम पर पुलिस पीड़िता के घर गई और उसे नशीली दवा पिलाने के बाद उसके साथ थाना प्रभारी और दो आरक्षकों ने रेप की वारदात को अंजाम दिया.
थाना प्रभारी के साथ दो पुलिस आरक्षकों पर एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप पीड़िता मामले में आईजी से न्याय की गुहार लगा चुकी है, लेकिन तीन महीने बाद भी मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे नाराज पीड़िता आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर रायपुर पहुंची है. जहां पीड़िता मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक से मिलना चाह रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के राज्य से बाहर होने के कारण पीड़िता की मुलाकात उनसे नहीं हो पाई है. पीड़िता का कहना है कि जिला पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है.
नशीली दवा पिलाकर रेप की वारदात
पीड़िता खडगवां थाना के बरमपुर गांव की रहने वाली है. पीड़िता ने बताया कि उसके पति को झूठे मामले में फंसाकर पुलिस समझौता कराने पीड़िता के घर पहुंची थी और पैसे की मांग कर रही थी. इसी दौरान पीड़िता से पैसे लेने के बहाने पुलिस ने उसे जबरन नशीली दवा पिला दी और खडगवां थाना प्रभारी ओएस साहू, आरक्षक जस्सी और सुरेश ने उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. पीड़िता ने इसकी शिकायत सरगुजा के आईजी केसी अग्रवाल से भी की थी, लेकिन आज तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता ने बताया कि शिकायत करीब 3 महीने पहले की गई थी.
पति की गैरमौजूदगी में दुष्कर्म की वारदात
पीड़िता के पति ने बताया कि दोनों का प्रेम विवाह हुआ है. इससे नाराज पति के परिजनों ने एक बार पीड़िता पर तलवार से हमला कर दिया था. जिसकी थाने में शिकायत की गई थी. पीड़िता का कहना है कि शिकायत के बाद से पुलिस उसके पति पर केस वापस लेने का दबाव बना रही थी. इसी दौरान पुलिस उसके पति को 420 के तहत गिरफ्तार कर 3 दिनों तक हिरासत में रखी. पीड़िता ने बताया कि जब उसका पति हिरासत में था, तो पति की गैरमौजूदगी में पीड़िता को नशीली दवा खिलाकर खडगवां थाना के थाना प्रभारी और दो आरक्षकों ने सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया. पीड़िता ने बताया कि दुष्कर्म के बाद पुलिसवाले पेटी में रखे करीब 90 हजार रुपये ताला तोड़कर कार्रवाई के नाम पर जब्त कर ले गए.
आश्वासन के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
दुष्कर्म का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता का पति जेल से छूटकर वापस घर आया. इस दौरान पीड़िता उदास रहती थी और कई बार अकेले में रोते रहती थी. जिसपर पति ने रोने का कारण पूछा, तब उसकी पत्नी ने आपबीती सुनाई. इसके बाद दोनों थाने में शिकायत करने पहुंचे, लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया. इसके बाद दोनों सरगुजा आईजी के पास गए. जहां जांच कर कार्रवाई का आश्वासन तो मिला, लेकिन आज तक मामले में कार्रवाई नहीं हुई.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
अब मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सामने आई हैं. सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा ने मामले में कहा कि उन्होंने सरगुजा आईजी से बात की है, जिसपर उन्हें मामले को एसपी को सौंपनें की बात कही गई है. ममता शर्मा ने बताया कि सरगुजा आई ने मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की बात कही है. फिलहाल पीड़िता की मुलाकात मुख्यमंत्री, गृह मंत्री या पुलिस महानिदेशक से नहीं हुई है.