अनियमित कर्मचारियों का प्रदर्शन रायपुर:विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने अनियमित कर्मचारियों से वादा किया था कि सरकार बनते ही उन्हें जल्दी ही नियमित कर दिया जाएगा. लेकिन अब तक इस मांग को सरकार ने पूरा नहीं किया. इससे नाराज सभी अनियमित कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया गया. अनियमित कर्मचारियों की निरंतर छटनी करने और 3 सालों से संविदा वेतन, 5 सालों से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नहीं करने बात कही जा रही है.
मुख्यमंत्री द्वारा मिलने का समय नहीं देने से बढ़ी नाराजगी: कर्मचारियों के मुताबिक इन सभी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को कई बार अवगत कराने की कोशिश की गई. लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया. केवल वादा किया गया कि वह उनसे जरूर मिलेंगे. जिसे लेकर कर्मचारियों में नाराजगी है और वे सभी प्रदर्शन पर बैठने को मजबूर हो गए हैं.
बड़े आंदोलन की दी चेतावनी: छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने कहा कि "प्रदेश के समस्त अनियमित कर्मचारी की मांगों को पूर्ण नहीं किया गया. तो वे आगामी समय में फिर संवैधानिक तरीके से मजबूत आंदोलन करेंगे. अन्य राज्यों में अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है, लेकिन केवल छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां पर नियमित नहीं किया जा रहा है. उन्हें अधिक वेतनमान की आवश्यकता नहीं है, उन्हें केवल अपनी जॉब की सिक्योरिटी चाहिए. उन्हें नियमित कर दिया जाए.
एकसाथ नहीं, तो किश्तों में नियमित करने का दिया सुझाव: सत्यम शुक्ला ने कहा कि "एकदम से सभी कर्मचारियों को नियमित ना किया जाए, यदि किसी प्रकार की दिक्कत है, तो शुरुआत में 10 परसेंट कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाए. इसके कुछ समय बाद 20 परसेंट कर्मचारियों को नियमित करके धीरे धीरे सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए."
अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे कर्मचारी: सभी कर्मचारी अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. इनकी पहली मांग है कि कर्मचारियों और अधिकारियों की नियमित किया जाए और 62 से 65 वर्ष तक जॉब सुरक्षा दी जाए. दूसरी मांग विगत सालों से निकाले गए या छंटनी के अनियमित कर्मचारियों को बहाल करने पर रोक लगाई जाए. तीसरी मांग में अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए. चौथी मांग है शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा समाप्त हो.
यह भी पढें: Uproar in Chhattisgarh over nsa: छत्तीसगढ़ में रासुका पर सियासी संग्राम, बीजेपी ने बताया आपातकाल, सीएम बघेल का पलटवार
सीएम ने नहीं दिया कोई जवाब: प्रांतीय संयोजक गोपाल साहू ने बताया कि "प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों द्वारा अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर आज धरना प्रदर्शन किया गया. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों को ही आमंत्रित किया गया था. लेकिन अत्यंत दुख की बात है कि वर्तमान मुख्यमंत्री हमारे प्रदर्शन में नहीं आए और उनके तरफ से कोई भी सूचना, चाहे पॉजिटिव हो या नेगेटिव हो, हमारे तक नहीं पहुंची.
पूर्व सीएम कर्मचारियों से मिलने पहुंचे: प्रांतीय संयोजक गोपाल साहू ने बताया कि "पूर्व मुख्यमंत्री आये और हमारी समस्या को लेकर उन्होंने सकारात्मक बातें कहीं. जिसमें उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार आती है तो वह हमारी समस्या पर गंभीर विचार-विमर्श कर इसका समाधान निकालेंगे. उन्होंने कहा कि, इसमें प्रदेश के 54 अनियमित कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए. वहीं राज्य के अलग-अलग कोने से सभी कर्मचारियों ने साथ दिया और चर्चा की गई."