रायपुर: राजधानी में गुरुवार को हिंदू सनातन धर्म के बैनर तले बघेल सरकार के खिलाफ हिंदू समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी संत कालीचरण की जल्द से जल्द जेल रिहाई की मांग कर रहे थे. हिंदू समाज के लोगों ने सरकार से मांग की है कि संत कालीचरण पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को हटाया जाए और उन्हें रिहा किया जाए. इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने भी शामिल हुए.
संत कलीचरण के समर्थन में हिंदू समाज सच्चिदानंद उपासने ने राज्य सरकार पर बोला हमला
मीडिया से बात करते हुए छत्तीसगढ़ भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि संत कालीचरण की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई कार्रवाई है. वह इस प्रदर्शन को बड़े स्तर पर करने की तैयारी कर रहे थे. राज्य सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिली इसलिए सीमित संख्या में जुटकर प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर संत कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह की धारा नहीं हटाई जाती है तो आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन और उग्र होगा.
संत कालीचरण की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी केस डायरी
महात्मा गांधी पर कालीचरण ने की थी विवादित टिप्पणी
रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इस धर्म संसद में कई साधु संत शामिल हुए थे. इस आयोजन में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के अकोला निवासी कालीचरण महाराज ने भरे मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया था. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का भरे मंच से महिमामंडन किया.
जिसके बाद संत कालीचरण के खिलाफ मामले ने तूल पकड़ लिया. रायपुर के टिकरापारा थाने में कालीचरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. 30 दिसंबर को कालीचरण को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया गया. उसके बाद कालीचरण को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया. पहले कोर्ट ने कालीचरण को 1 जनवरी तक पुलिस रिमांड में भेजा. फिर 13 जनवरी तक कालीचरण की न्यायिक हिरासत बढ़ी. उसके बाद 25 जनवरी तक कालीचरण की न्यायिक हिरासत को कोर्ट ने और बढ़ाया. अब कालीचरण को कोर्ट ने 6 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.