रायपुर:लॉकडाउन के वजह से पूरा देश थम सा गया है, जिन चौक-चौराहों पर रौनक लगी होती थी आज वो सुनसान हैं. लोग महामारी से बचने के लिए घर पर रहने को मजबबर हैं. सरकार के आदेश के अनुसार सभी दफ्तर, दुकानें, उद्योग, स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में सरकार लगातार निजी संस्थाओं से लोगों को नौकरी से नहीं निकालने और वेतन देने की अपील कर रही हैं. इस बीच निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को नौकरी जाने का डर सता रहा है.
छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां कई उद्योग,व्यापारिक प्रतिष्ठानों और निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया गया है. यही नहीं उन्हें अब नौकरी पर वापस बुलाया भी नहीं जा रहा है. निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोग पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, अब उनके सामने नौकरी जाने की परेशानी खड़ी हो गई है.
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लगातार मिल रही शिकायत
राजधानी में लगातार उद्योग और विभिन्न कंपनियों के कर्मचारियों की वेतन नहीं मिलने की शिकायतें आ रही हैं. भनपुरी के छत्तीसगढ़ जूट इंडस्ट्री के बाहर सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी धरने पर बैठ गए थे. उनका आरोप था कि उन्हें अब तक वेतन नहीं दिया गया है.
संविदा कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी
सरकार महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाएगी. साथ ही संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों की भी नौकरी इस दौरान जा सकती है. कर्मचारियों की नौकरी छिनने की संभावनाओं को देखते हुए तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 'राज्य सरकार के साथ सभी कर्मचारी चाहे वह सरकारी हो या फिर निजी संस्थान का सभी ने साथ में खड़े होकर इस लड़ाई में योगदान दिया है. बावजूद इसके कर्मचारियों के वेतन में कटौती होती है, तो यह निंदनीय है'.