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बिजली विभाग के ठेकेदारों ने रायपुर में क्यों दफ्तर का घेराव किया ?

छत्तीसगढ़ विद्युत ठेकेदारों (chhattisgarh electrical contractors) ने डंगनिया स्थित छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल (Chhattisgarh State Electricity Board) पहुंचकर विभिन्न मांग रखी.

Raipur
बिजली विभाग के ठेकेदारों का प्रदर्शन

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Published : Sep 15, 2021, 11:16 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में विद्युत विभाग के ठेकेदारों (chhattisgarh electrical contractors) ने विभिन्न मांगों को लेकर डंगनिया स्थित छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल (Chhattisgarh State Electricity Board) पहुंचकर हंगामा किया. ठेकेदारों का आरोप है कि विद्युत मंडल ने छत्तीसगढ़िया ठेकेदारों के रोजगार पर लात मारने की कोशिश की है. एसपीएन के पैकेज टेंडर में जो अनुभव मांगे गए हैं. वह छत्तीसगढ़ के पंजीकृत विद्युत ठेकेदार पूरा नहीं कर सकते. ऐसे में विद्युत मंडल ने जो नियम बनाए हैं. उसे बदलने की मांग को लेकर विद्युत मंडल के एमडी से मिलने वह पहुंचे थे. प्रदेश भर से पहुंचे ठेकेदारों से जब शाम ढलने के बाद भी एमडी ने मुलाकात नहीं की तो उन्होंने काम बंद करने करने का ऐलान कर दिया.

ठेकेदारों ने घेरा विद्युत विभाग

SRO दर में वृद्धि और पैकेज टेंडर कैंसिल करने की मांग

छत्तीसगढ़ विद्युत ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन (Chhattisgarh Vidyut Welfare Association) के अध्यक्ष देवेश वर्मा ने बताया कि हमारा सिर्फ एक ही मकसद है. हम विद्युत मंडल के सभी ए क्लास ठेकेदार विगत 1 तारीख से इसी मुहिम में लगे हुए हैं. जो पैकेज टेंडर निकला हुआ है और हमारा जो एसओआर दर है. इसे बढ़ाने के लिए हमने कई बार प्रयास किया है. विद्युत मंडल को पैकेज टेंडर कैंसिल करना चाहिए. क्योंकि इस टेंडर से छत्तीसगढ़ के जितने भी ठेकेदार हैं. वह इसमें योग्य नहीं हो पा रहे हैं. हम यह चाहते हैं कि पैकेज टेंडर बंद हो. क्योंकि इसमें छोटे-छोटे कामों को इकट्ठा करके बड़ा किया गया है. इसमें एसटीएम के और भी कामों को जोड़ दिया गया है. जैसे पूर्व में हमारे विद्युत मंडल टेंडर निकलता था.हम वही चाहते हैं


पूर्व की तरह होनी चाहिए टेंडर प्रक्रिया

कांकेर से आए ठेकेदार हेमंत साहू ने बताया कि पूर्व की तरह ही टेंडर होने चाहिए. जैसे पहले सिंगल एक सब स्टेशन का टेंडर होता था. एक-एक लाइनों पर टेंडर होता था, वैसा कर दें. दूसरा हमारा ज्वलंत मुद्दा है कि हर बार यहां पर जो एसओआर है. जिसको शेड्यूल ऑफ रेट बोलते हैं. सालाना वह दर महंगाई दर के हिसाब से बढ़ाया जाता है. सीएसपीडीसीएल (CSPDCL) ने पिछले दो-तीन साल से उसी महंगाई के दर की कोडिंग कम कर दे रहे तो वह चीज भी हमारे लिए बहुत बड़ी वित्तीय परेशानियों का विषय बन गया है.

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