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1867 में बना था भाप से चलने वाला ये रोलर, अब आप भी देख सकेंगे ये एंटीक पीस

रायपुर नगर निगम में भाप से चलने वाला दो रोलर रखा हुआ है. इसे संरक्षित कर धरोहर के रूप में सार्वजनिक स्थानों में रखा जाएगा, जहां इसे आम लोग भी इसे देख सकेंगे.

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Published : Jul 30, 2019, 2:38 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 8:25 PM IST

अंग्रेजों के जमाने का रोलर

रायपुर: राजधानी रायपुर के नगर निगम के मोटर गैरेज में अंग्रेजों के समय का 2 रोलर रखा हुआ है. यह रोलर कोई साधारण रोलर नहीं बल्कि भाप से चलने वाला रोलर है. पहले निगम ने इसे नीलामी के लिए रखा गया था लेकिन अब इसे संरक्षित कर धरोहर के रूप में सार्वजनिक स्थानों में रखा जाएगा, जहां आम लोग भी इसे देख सकेंगे.

अंग्रेजों के जमाने का रोलर

भाप से चलने वाले इन रोलरों के संरक्षण के लिए पिछले एक महीने से इन पर पेंटिंग का काम किया जा रहा है. रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि पुराने रोलर हमारे लिए धरोहर हैं. इसे शुरुआत में नीलाम करने के लिए रखा गया था, लेकिन बाद में उसे संरक्षित रखने के लिए नीलामी से रोका गया. इसे अब सार्वजनिक स्थानों में रखा जाएगा. फिलहाल इसे रखने के लिए जगह तय नहीं की गई है. जल्द ही स्थान निर्धारित किया जाएगा.

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पहले व्यवहारिक रोलर का उत्पादन
ये स्टीम रोलर john Fowler & co (Leeds) नामक ब्रिटिश कंपनी के हैं. कंपनी ने शुरुआत में खेती के कामों के लिए स्टीम से चलने वाली मशीन बनाई. कंपनी ने 1867 में स्टीम रोड रोलर को पेटेंट कराया और पहले व्यवहारिक रोलर का उत्पादन किया. नई मशीन के रोलर्स को पीछे के बजाय सामने की ओर लगाया गया है, जिसका वजन 30 टन से ज्यादा था. वहीं पहली बार इसका परीक्षण लंदन में रोचेस्टर में स्टार हिल और हाइड पार्क में किया गया. सफल परीक्षण के बाद एक साल के अंदर इसे दुनिया भर में निर्यात किया गया. इसमें फ्रांस ,भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं.

Last Updated : Jul 30, 2019, 8:25 PM IST

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