रायपुर : भारतीय जनता पार्टी (BJP Chhattisgarh) के केंद्रीय संगठन ने अब छत्तीसगढ़ भाजपा की जिम्मेदारी बिलासपुर लोकसभा के सांसद अरुण साव (Bilaspur Lok Sabha MP Arun Sao) को सौंपी है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (BJP National President Jagat Prakash Nadda) ने विष्णु देव साय की जगह , बिलासपुर सांसद अरुण साव को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर कांग्रेस ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष को बधाई दी है. वही कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इसे आदिवासी विरोधी सोच कहा (Congress target on BJP state president) है.
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर विष्णुदेव को हटाना अनुचित : कांग्रेस ये भी पढ़ें -गोधन न्याय योजना की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा, भाजपा नेता दुविधा की स्थिति में हैं: भूपेश बघेल
'बीजेपी की आदिवासी विरोधी सोच ' : कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने अपने बयान में कहा " भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना यह उनकी पार्टी का अपना निर्णय है.हम नवनिर्वाचित अध्यक्ष अरुण साव को शुभकामनाएं देते हैं.लेकिन विश्व आदिवासी दिवस के दिन एक आदिवासी नेता को उनके पद से हटाया गया ये अनुचित (BJP state president Vishnudev Sai removed on tribal day) है. यह भारतीय जनता पार्टी का आदिवासी समाज के प्रति विद्वेष को प्रदर्शित करता है. कम से कम आदिवासी दिवस के दिन विष्णुदेव साय को नहीं हटाया जाना था, कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आदिवासी विरोधी सोच इस निर्णय से सामने आती है.''
क्यों हटाए गए साय :आपको बता दें किछत्तीसगढ़ प्रदेश संगठन में बड़ा उलटफेर किया है. जिसके बाद अब प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष अरुण साव होंगे. इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आदेश जारी कर दिया है. चार बार के प्रदेश अध्यक्ष रहे आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है. प्रदेश में छत्तीसगढ़िया वाद को हावी होते देख अरुण साव को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. पिछले कई दिनों से प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर सुगबुगाहट चल रही थी. माना जा रहा है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ियावाद को हावी होते देख केंद्रीय नेतृत्व ने ये फैसला लिया है.तीन दिन पहले अचानक प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को दिल्ली बुलाया गया था. तभी ये कयास लगाए जा रहे थे कि कुछ बड़ा होने वाला है.