रायपुर:सूर्य देवता को प्रसन्न करने और विजय प्राप्त करने के लिए हर दिन सूर्य सहस्त्रनाम, सूर्य चालीसा, श्री गायत्री मंत्र और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. रामरक्षा स्रोत भी सूर्यवंशी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी की स्तुति में लिखा गया है. इसलिए नियमित रूप से रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करने पर जीवन में खुशहाली शत्रु पर विजय और विरोधियों पर जीत की संभावना बढ़ जाती है.
"गायत्री मंत्र पाठ से मिलती है शत्रुओं पर विजय":ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "नियमित रूप से गायत्री मंत्र का पाठ करने पर शत्रुओं पर पूर्ण विजय मिलती है. सूर्य देवता शक्ति बल ताप तेज और तेजस्विता के प्रतीक हैं. उसी तरह सूर्य नमस्कार सूर्यभेदी प्राणायाम और सूर्य को देखकर किया गया त्राटक अभ्यास आदमी को मजबूत बनाता है. व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों पर विजय मिलती है. सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से शरीर लचकदार लोचदार होकर शक्तिशाली बनता है. जो कि शत्रुओं को परास्त करने के लिए आप शारीरिक रूप से दक्ष नहीं होते. मानसिक तौर पर या आध्यात्मिक तौर पर दक्ष होने का सवाल ही नहीं उठता."
"सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर मजबूत होता है":ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "मजबूत शरीर की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से सूर्य नारायण भगवान को याद कर पूर्व दिशा की ओर मुख कर सूर्य की उपस्थिति में योगासन करना चाहिए. इससे सकारात्मक हार्मोन पैदा होते हैं. हैप्पी हार्मोन का प्रवाह होता है और मनुष्य विजय प्राप्त करने के लिए आंतरिक तौर पर तैयार होता है."
"सूर्य शक्ति और विजय का प्रतीक है":ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा का कहना है कि "सूर्य नमस्कार से निकला हुआ पसीना रोम छिद्रों को खोल देता है और शरीर मजबूत होता है. सूर्यभेदी प्राणायाम से पूरी नाड़ियां मजबूत होती है. सूर्य शक्ति और विजय का प्रतीक है. सूर्य सिंह राशि के स्वामी माने जाते हैं. मेष राशि में उच्च के होते हैं, और तुला राशि में नीच के होते हैं. शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है, कि आपके घर में सूर्य की रोशनी सूर्य का प्रकाश सूर्य का तेज वायु और उजाला बराबर मात्रा में आए."