रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के अध्यक्ष अमित जोगी के जाति प्रकरण मामले में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही कलेक्टर ने जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति का गठन किया है. जांच समिति के खिलाफ अब अमित जोगी हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा है कि वह अपने मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने के लिए कोर्ट की शरण में जाएंगे और राज्यपाल से भी इस पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
अमित जोगी ने ट्वीट कर लिखा है कि उनके जाति के मामले में भूपेश सरकार ने राज्यपाल के नाम पत्र जारी किया है और गौरेला पेंड्रा मरवाही कलेक्टर के गैर कानूनी आदेश पर अवैधानिक जिला छानबीन समिति का गठन किया गया है.
अमित जोगी ने किए 4 सवाल
- राज्यपाल का स्थान गौरेला-पेंड्रा-मरवाही कलेक्टर ने कैसे ले लिया?
- किसके दबाव में कलेक्टर ने समिति का गठन और गैर कानूनी आदेश पारित किया ?
- जब समिति का गठन ही नहीं हुआ था तो शिकायत कर्ताओं ने किसके समक्ष शिकायत की?
- समिति में छह की जगह पहले चार और फिर 5 सदस्य ही क्यों शामिल किए गए?
जांच समिति पर उठाए सवाल
जेसीसीजे प्रवक्ता भगवानु नायक ने बताया की छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति और जनजाति नियमों के अनुसार जिला स्तरीय छानबीन समिति का गठन राज्यपाल के आदेश पर सरकार द्धारा अधिसूचना जारी कर किया जाता है, लेकिन जेसीसीजे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के जाति प्रकरण पर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के कलेक्टर ने जो छानबीन समिति बनाई है इसमें कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से नियमों को ताक पर रखकर छानबीन समिति बनाई गई है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में कानून की कोई एहमियत नहीं है.