रायगढ़: सरपंच-सचिव ने किया गौण खनिज मद के 61 लाख रुपये का गबन
सारंगढ़ विकासखंड़ के ग्राम पंचायत टिमरलगा में गौण खनिज मद से 61 लाख रुपये गबन का आरोप सरपंच-सचिव पर लगा था. आरोप के बाद मामले की जांच कराई गई. जांच में आरोप सही पाए गए हैं. लेकिन अबतक आरोपी सरपंच सचिव पर कार्रवाई नहीं हुई है.
गौण खनिज मद में गबन का आरोप
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Published : Sep 15, 2020, 8:57 PM IST
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Updated : Sep 15, 2020, 10:55 PM IST
रायगढ़: सारंगढ़ विकासखंड़ के प्रसिद्ध खनिज ग्राम पंचायत टिमरलगा में गौण खनिज मद से किये गये फर्जीवाड़े को जांच समिति ने सही पाया है. जिला पंचायत रायगढ़ की ओर से 15 जुलाई 2019 को सारंगढ़ विकासखंड़ के ग्राम पंचायत टिमरलगा को 25 निमार्ण कार्यों के लिए 1 करोड़ 85 लाख 25 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान किया था. इस निमार्ण कार्य के लिए ग्राम पंचायत टिमरलगा को निमार्ण एजेंसी बनाया गया था, लेकिन तात्कालिक सरपंच महेन्द्र चौहान और सचिव महेन्द्र लहरे ने निमार्ण कार्य के प्रारंभ किये बिना ही अग्रिम राशि 61 लाख रुपये का आहरण कर लिया और एक भी कार्य को संपन्न नहीं कराया. मामले में जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर एसडीएम चंद्रकांत वर्मा ने जिला पंचायत सीईओ को कार्रवाई के लिए पत्र भी भेजा है, लेकिन दो महीने बाद भी सरपंच और सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
गौण खनिज मद के 61 लाख रुपये का गबन
CM से हुई थी शिकायत
गांव के लोगों और पूर्व विधायक पद्मा मनहर ने मुख्यमंत्री को शिकायत में बताया था कि बिना निमार्ण पूरी किए भारी राशि का आहरण किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सारंगढ़ एसडीएम चंद्रकांत वर्मा ने नायब तहसीलदार रॉकी एक्का के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया. जांच करने के बाद प्रतिवेदन को एसडीएम चंद्रकांत वर्मा ने जिला पंचायत रायगढ़ के सीईओ को भेजा. प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से अनुसंशा किया गया है कि ग्राम पंचायत को प्राप्त 185 लाख रुपये के स्वीकृति के विरूद्ध अग्रिम राशि 61 लाख रुपये में से सिर्फ 5 हजार रुपये की राशि ग्राम पंचायत के खाते में है. बाकी रुपये निकाल लिए गए हैं. साथ ही निमार्ण कार्य को पूर्ण नहीं कराया गया है. जो कि प्रथम दृष्टया सरपंच और सचिव को दोषी दर्शाता है.
गबन का सरपंच-सचिव पर आरोप
इन कार्यों के लिए स्वीकृत हुई राशि
इन कार्यों के लिए स्वीकृत हुई राशि
इन कार्यों के लिए स्वीकृत हुई राशि
सरपंच और सचिव पर 61 लाख रुपये गबन का आरोप
नायब तहसीलदार रॉकी एक्का के नेतृत्व में बनाई गई 3 सदस्यीय जांच दल ने निर्माण कार्यों की जांच की. जिसमें से 1 करोड़ 85 लाख रुपये के निमार्ण कार्यों के लिए शासन ने 61 लाख रुपये अग्रिम राशि के रूप में ग्राम पंचायत को भेजा था. लेकिन एक भी निमार्ण कार्य को पूर्ण कराये बिना सरपंच और सचिव ने 61 लाख रुपये को बैंक से आहरण कर गबन कर लिया गया है. जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि उक्त राशि का निमार्ण कार्य संपन्न ही नहीं हुआ है. राशि बैंक से आहरण कर लिया गया है. ऐसे में गबन और वित्तीय अनियमितता के आरोप प्रमाणित हो रहे हैं.