कोरिया: कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए प्रदेश में मार्च के अंतिम हफ्ते में लॉकडाउन लगाया गया था. इस दौरान कई सेक्टर प्रभावित हुए. कुछ ऐसे भी सेक्टर हैं जो अनलॉक के दौरान भी बंद पड़े हैं. स्कूल और कॉलेज भी लॉकडाउन के बाद से अब तक नहीं खुल सके हैं. अब इनके खोले जाने की मांग तेज होती दिख रही है. इसे लेकर अशासकीय शिक्षण संस्था संचालक कल्याण संघ की बैठक हुई. इस दौरान निजी स्कूल संचालकों ने आने वाले दिनों की रणनीति को लेकर चर्चा की है. जिले के सभी अशासकीय विद्यालय के प्राचार्य मौजूद थे. इस दौरान सभी प्राचार्यों ने मिलकर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है.
बता दें कि, अशासकीय शिक्षण संस्था संचालक कल्याण संघ ने सरकार के ऑनलाइन पढ़ाई कराए जाने के फैसले पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि, मोबाइल के जरिए पढ़ाई करने से बच्चों के आंखों पर प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ ही बच्चों पर मानसिक प्रभाव भी पड़ रहा है. उन्होंने तर्क दिए हैं कि अगर प्रदेश में शराब की बिक्री की जा सकती है, शराब दुकानें संचालित की जा सकती है तो स्कूल कॉलेज भी संचालित किए जाने पर कैसी परेशानी है. बता दें कि, कोरोना काल के दौरान लगभग तीन चार माह से सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं. इस दौरान सभी बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है
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