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कोरिया में हाथियों ने मकान तोड़ने के साथ ही उजाड़ी 20 खेतों की फसल

कोरिया के लोगों को आये दिन हाथियों (elephant)के उत्पात (riot) का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बीते शनिवार को हाथियों के दल (group of elephants) ने एक मकान को तोड़ने के साथ ही 20 किसानों की फसलें नष्ट कर दी.

Farmers troubled by the ravages of elephants
हाथियों के उत्पात से परेशान किसान

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Published : Sep 19, 2021, 12:41 PM IST

कोरियाःकोरिया के लोगों को आये दिन हाथियों (elephant)के उत्पात (riot)का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बीते शनिवार को हाथियों के दल(group of elephants) ने एक मकान को तोड़ने के साथ ही 20 किसानों की फसलें नष्ट कर दी. विभाग से मिली जानकारी की मानें तो हाथियों के दल ने कोरिया वन मण्डल बैकुंठपुर (Koriya Forest Division Baikunthpur), वन परिक्षेत्र-खड़गवां, वृत्त व बीट सकड़ा सहित कई जगहों में लोगों को क्षति (Damage)पहुंचायी.फिलहाल हाथियों का दल वापस पसान रेंज चला गया है.

खडगवा वनपरिक्षेत्र के रेन्जर अर्जुन सिंह ने बताया कि हाथीयों का दल फिलहाल कोरिया वनमंडल बैकुंठपुर अंतर्गत खड़गवां रेंज के बीट सकड़ा की सीमा से 3 कि.मी. की दूरी पर पसान रेंज के बुंदेलीपारा, लमनीडांड नामक स्थान पर विचरण कर रहा है. जो मरवाही, वनमंडल पसान रेंज में जा सकता है. इसके साथ ही वन परिक्षेत्र खड़गवां के कर्मचारियों के द्वारा रात के समय हाथियों की निगरानी की गई. साथ ही ग्रामीणों को जंगल न जाने की हिदायत दी गई है.

39 हाथियों के झुंड में 4 बच्चे

खडगवा रेन्जर की मानें तो इलाके में 39 हाथियों का झुंड डेरा जमाया हुआ है. जिसमें 35 व्यस्क और हाथी के 4 बच्चे भी शामिल हैं. यही कारण है कि यह झुंड कोरिया जिले से लगे कोरबा सीमा क्षेत्र में लगातार 13 तारिख से आना जाना कर रहा है. बच्चों के कारण हाथियों का दल आसपास के क्षेत्र में भटक रहा है. वहीं, बीते एक सप्ताह से लगातार दोनों जिलों में इस दल का आना जाना लगा हुआ है. इस दौरान खडगवा वन परिक्षेत्र में इस दल द्वारा गांव के 1 मकान को तहस-नहस कर दिया गया. साथ ही 20 किसानों की फसल तबाह कर दी गई. इस घटना से क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

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महुआ एकत्रित न करें ग्रामीण

वन विभाग ने सभी ग्रामीणों को हिदायत दी है कि बार-बार सावधान व सतर्क किए जाने के बाद भी ग्रामीण गांव के बीच के घर में सुरक्षित रहने की बजाय जंगल के बीच इस तरह घास-फूस के झोपड़े में चल जाते हैं. इस वक्त, जबकि हाथियों का पूरा झुंड जंगल में ही विचरण कर रहा हो तब उन्हें यह जोखिम नहीं उठाना चाहिए. लोग अपने घर में महुआ संग्रहित नही करना चाहिए.

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