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वृक्षारोपण के लिए किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित, अब खेत में लगा सकेंगे इमारती लकड़ियों के पौधे

इमारती लकड़ियों के लिए बनाए गए दशकों पुराने नियमों में राज्य सरकार ने ढ़ील दी है. 1 साल के भीतर लगाए गए कुल पौधों में से 80 फीसदी पौधे जीवित रहने पर किसानों को 3 साल तक 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

Farmers are being encouraged for tree plantation in korba
वृक्षारोपण के लिए किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित

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Published : Jun 8, 2021, 10:44 PM IST

कोरबा: इमारती लकड़ियों के लिए बनाए गए दशकों पुराने नियमों में राज्य सरकार ने ढ़ील दी है. जिसके बाद अब पंजीकृत किसान साल, सागौन जैसी बेशकीमती इमारती लकड़ियों को धान के फसल की तरह अपने खेतों में लगा सकेंगे. इन्हें लकड़ी काटने से पहले विशेष अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी. इस पर भी छूट दी गई है. किसान वन विभाग को सिर्फ सूचित कर इन इमारती लकड़ियों को काटने के बाद इसे कहीं भी बेच सकते हैं. इसके परिवहन के लिए भी छूट दी गई है.

वृक्षारोपण के लिए किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित

3 साल तक प्रोत्साहन राशि

किसानों को 1 साल के भीतर लगाए गए कुल पौधों में से 80 फीसदी पौधे जीवित रहने की दशा में आने वाले 3 साल तक 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी. किसानों को उनका मनपसंद पौधा भी वन विभाग की ओर से निशुल्क प्रदान किया जाएगा. किसान चाहें तो इमारती लकड़ी के स्थान पर किसी भी तरह का फलदार पौधा लगा सकते हैं. उन्हें पौधों के चयन को लेकर पूरी तरह से छूट दी गई है.

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत कुलगांव में लगाये गए फलदार पौधे

वन विभाग ने रखा 3 लाख 37 हाजर से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य

पौधरोपण का मौसम आ चुका है. प्रदेश भर में अब इसे लेकर अभियान चलाया जाएगा. कोरबा जिले में इस साल 1 हजार 334 एकड़ में 3 लाख 37 हजार 867 पौधे रोपने का लक्ष्य वन विभाग ने निर्धारित किया है. इनमें 540 एकड़ में 54 हजार 589 फलदार, 402 एकड़ में 1 लाख 96 हजार 517 इमारती लकड़ी के पौधे और 196 एकड़ भूमि पर 86 हजार 762 औषधीय पौधे रोप जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

सभी पंचायतों में किया जाएगा वृक्षारोपण

विभाग ने वृक्षारोपण के लिए 298 गांव के नाम तय किये हैं. इन गांव में विशेष तौर पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे. जिनमें आम, जामुन, कटहल, नींबू, मुनगा, इमली, अमरुद, सीताफल और काजू जैसे पौधे रोपे जाएंगे. जबकि इमारती लकड़ियों में शुमार साल, सागौन, शीशम, नीलगिरी, खम्हार, बांस, बीजरा, धवई, नीम के पौधे भी लगाए जाएंगे. वहीं औषधीय पौधे के रूप में आंवला, हर्रा, बहेरा, करंज के पौधे को भी रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

धान के रकबे को कम करने की कवायद

छत्तीसगढ़ में ज्यादातर किसान पारंपरिक तौर पर धान की खेती करते हैं. धान की खेती बेहद मेहनत लगती है. लेकिन मुनाफा अपेक्षाकृत काफी कम होता है. जिसके कारण सरकार धान की खेती के रकबे को कम करने की कवायद कर रही है. जिसके कारण ही इस साल कृषि विभाग ने भी जिले के 67 गांव के 168 एकड़ रकबे में 14 हजार 280 पौधों को रोपने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए अभी तक कृषि विभाग ने 162 किसानों का पंजीयन की किया है. वृक्षारोपण के लिए किसानों का पंजीयन भी किया जा रहा है.

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