कोरबा:लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर में प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन कोरबा के प्रदूषित माहौल पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. बल्कि पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण और भी बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया है. इसके लिए शासन स्तर से जिले के पर्यावरण विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अब पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार औद्योगिक संस्थान बालको और एनटीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दरअसल, कोरबा में बेहतर AQI (Air quality index) के लिए जिम्मेदार PM 10 की मात्रा लॉकडाउन की एक विशेष समयावधि के दौरान 58.29 मिलीग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई है. जबकि मापदंडों के अनुसार PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
कई शहरों में सुधरी स्थिति
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में PM 10 की मात्रा का निर्धारित मापदंडों से ज्यादा होने का मतलब यह हुआ कि इसके मानव जीवन पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ेंगे. शासन ने नोटिस जारी करते हुए कोरबा जिले के क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को कहा है कि 'भारत सरकार की ओर से कोरोन वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही और निर्माण कार्यों में कमी आई है, उद्योगों का परिचालन भी बंद है. इसकी वजह से प्रदेश के मुख्य शहरों में परिवेशीय वायु गुणवत्ता (AQI) में काफी सुधार हुआ है'
'कारण स्पष्ट किया जाए'
आगे लिखा गया है कि सभी जगह PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से कम पाई गई है. जबकि कोरबा में PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से अधिक मिली है. इसके संबंध में मॉनिटरिंग स्टेशनों के आकलन और जांच कर कारण स्पष्ट किया जाए.
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