पखांजूर: पेसा कानून लागू करने को लेकर जमीनी स्तर पर समाजिक चर्चा के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में शामिल होने छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव चारामा क्षेत्र के ग्राम खैरखेड़ा पहुंचे थे. उनके साथ ही विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त राजेश तिवारी, नगरी विधयाक लक्ष्मी ध्रुव, पूर्व केन्द्री मंत्री अविन्द नेताम, पूर्व सांसद सोहन पोटाई भी कार्यशाला में शामिल हुए.
छत्तीसगढ़ की सत्ता में आने से पहले कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में पेसा कानून लागू करने की बात कही थी. सरकार अब 2 साल पूरे करने वाली है. लेकिन कानून को लेकर कोई ठोस पहल अब तक सामने नहीं आई है. ऐसे में कार्यशाला का आयोजन महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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टीएस सिंहदेव ने दी जानकारी
कार्यशाला में चर्चा के दौरान पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने पेसा कानून के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. 5 जिलों से पहुंचे आदिवासी समाज के प्रमुखों की बाते सुन उनसे चर्चा की गई. इस दौरान मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि कानून लागू करने से पूर्व समाज की राय जरूरी है. जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौपी जाएगी. जिसमे आये तथ्यों के आधार पर बदले गए नियमों को विधानसभा में रखा जाएगा.
जून से अटकलें तेज
जून महीने में भी एक बार पेसा कानून को लेकर अटकलें तेज हुई थी. तब पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने जन संगठनों और आदिवासी नेताओं से चर्चा की थी. उस दौरान मंत्री ने जानकारी दी थी कि अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार अधिनियम 1996, (पेसा कानून) बन तो गया है, लेकिन इसे अलग-अलग राज्यों में लागू करने के लिए नियम नहीं बना है. जिसकी वजह से इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका. यह कानून ही है जो देश के 10 राज्यों में लागू है. ये कानून छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान जैसे आदिवासी बहूल्य राज्यों में लागू है.