छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

धान खरीदी केंद्र में बारदानों की कमी, प्रभारियों को उठाना पड़ रहा नुकसान

कांकेर के पखांजूर में धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी से किसानों को जूझना पड़ रहा है. बारदानों के फट जाने से केंद्र प्रभारियों को इसकी कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

Paddy purchase center incharge upset over lack of gunny bags in Pakhanjur
धान खरीदी केंद्र में बारदानें की कमी

By

Published : Dec 19, 2020, 2:04 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 2:30 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है. धान खरीदी शुरू होते ही केंद्रों में बारदाने की कमी से किसानों को जूझना पड़ रहा है. सरकार ने बारदानों की कमी को पूरा करने के लिए पुराने बारदाने खरीदी केंद्रों में भेजना शुरू कर दिया. इन पुराने बारदानों की हालत ऐसी है कि उनमें धान रखना मुश्किल है. पखांजूर में आधे से ज्यादा बारदाने फटे हुए हैं और कुछ सड़ चुके हैं. इस वजह से धान खरीदी केंद्र के प्रभारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

धान खरीदी केंद्र में बारदानें की कमी
धान खरीदी केंद्र

पढ़ें- पेंड्रा: धान खरीदी केंद्र में अव्यवस्था का आलम, उठाव नहीं होने से बढ़ी परेशानी

शासन के नियमानुसार 50 प्रतिशत नए बारदाने और 50 प्रतिशत पुराने बारदाने में ही धान खरीदी करनी होगी. केंद्र में मिलर्स से भेजे गए पुराने बारदानें अधिकतर कटे-फटे हुए हैं, जिससे धान खरीदी केंद्र में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई केंद्र में पुराने बारदानों की कमी अभी से दिखाई देने लगी है. कई केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित हो रही है.

धान खरीदी केंद्र
धान खरीदी केंद्र में बारदानें की कमी

बारदानों की कराई जा रही सिलाई

धान खरीदी में शासन के नियमों के धान खरीदी केंद्रों में की जा रही है. धान की पैकिंग 50 फीसदी नए बारदाने और 50 फीसदी पुराने बारदाने में की जा रही है. नया बारदाना तो शासन से उपलब्ध होता है, लेकिन हर साल पुराने बारदानों को लेकर धान खरीदी प्रभावित हो जाता हैं. इस साल खरीदी दिसंबर माह के 1 तारीख से शुरू हुई और आज मात्र 18 दिन खरीदी की गई है. पुराने बारदानों के फट जाने से अब खरीदी केंद्र के प्रभारियों को लेबर लगाकर सिलाई कराना पड़ रहा है.

Last Updated : Dec 19, 2020, 2:30 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details