कांकेर:जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों ने कांकेर-आमाबेड़ा मुख्यमार्ग पेड़ काटकर रास्ता बंद करने की कोशिश की. लंबे समय के बाद क्षेत्र में नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. नक्सल घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है. जानकारी के अनुसार मलांजकूडूम स्थित पुसाघाटी से उसेली तक नक्सलियों ने करीब 7 बड़े पेड़ों को काटा है. पेड़ों को सड़क पर काट कर रास्ते को बंद करने की कोशिश की गई. अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर भी लगाए हैं. उन्होंने पीएलजीए की वर्षगांठ मनाने की अपील की है.
नक्सलियों ने पेड़ काटकर किया रास्ता जाम पढ़ें:गरियाबंद: नक्सलियों ने जेसीबी में लगाई आग, पुलिस ने समय रहते 4 किलो का बम किया डिफ्यूज
लोगों ने हटाए पेड़
तुमुसनार से पुसाघाटी तक सात जगह पेड़ों को स्थानीय राहगीर और टैक्सी चालकों ने सड़क से हटाया. जिसके बाद आवागमन बहाल हुआ. स्थानीय राहगीर हिरोंदा कोर्राम कहती हैं कि यह हम लोगों के लिए नया नहीं है. हर महीने ऐसी घटना देखने को मिलती है. लेकिन काफी दिनों से कोई घटना नहीं हुई थी. इस तरह पेड़ गिरा कर मार्ग रोकने की यह पहली घटना है.
फिर सक्रिय हो रहे नक्सली
छत्तीसगढ़ के कुल 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इनमें से कई जिलों में हर महीने नक्सल घटनाएं होती हैं. लेकिन जिलों को शांत माना जाता है. नक्सली अब ऐसे इलाकों में भी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. 8 दिसंबर को नक्सलियों ने लगभग 1 साल बाद गरियाबंद में दस्तक दी है. नक्सलियों ने छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा पर सिंचाई विभाग की एक जेसीबी को आग के हवाले कर दिया. नक्सलियों ने पास ही बैनर पोस्टर भी लगाया है. जिसमें केंद्र सरकार के लागू कृषि कानूनों का विरोध करने की बात लिखी हुई थी.बैनर पोस्टर के जरिए नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते थे. बैनर के नीचे नक्सलियों ने 4 किलो का बम लगाया था. हांलाकि पुलिस ने खतरे का अंदाजा लगा लिया. जिसके बाद पुलिस ने इसे बम को डिफ्यूज कर दिया.